अब, व्यापार पर आते हैं, मान लीजिए कि आप वर्तमान में एक कंपनी के शेयर खरीदने के लिए तैयार हैं जो INR 100 पर उद्धृत कर रहे हैं और आपका स्टॉप लॉस INR 90 है। यदि आप पहले से SL के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो मैं सुझाव दूंगा कि व्यापार न करें। क्योंकि अपने जोखिम को परिभाषित नहीं करना खेल से जल्दी या बाद में बाहर निकलने का एक निश्चित तरीका है।
Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है
जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।
Table of Contents
Trading क्या होता है:-
जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।
Trading के ट्रेडिंग कैसे बेचें? प्रकार (Types of Trading):-
बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।
Investing क्या होता है:-
जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।
क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-
जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।
अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।
आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से ट्रेडिंग कैसे बेचें? समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Intraday Trading कैसे work करता है :
इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए है जो सौदा को एक ही दिन के लिए खरीद -बेच करते हैं उन्हें शेयर को होल्ड नहीं करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान वो सौदा को होल्ड नहीं करते है इन्हे जोखिम लेना पसंद होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी जो आप निचे दिए गए लिंक के सहारे ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
Intraday trading account खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह “एक दिन का सौदा” है यानि को आपको एक दिन के पुरे ट्रेडिंग सेशन में शेयर को ख़रीदा व् बेचा जाता है उसे अगले दिन के लिए होल्ड नहीं किया जाता हैं। SEBI के द्वारा आपको intraday के लिए आपको मार्जिन दिया जाता हैं जिस शेयर आपको खरीदना या बेचना है उसके वैल्यू का आपके पास 25% का बैलेंस होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग का ब्रोकरेज डेलिवरी ट्रेडिंग के मुकाबले कम है
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे ट्रेडिंग कैसे बेचें? जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को ट्रेडिंग कैसे बेचें? देखकर buy और sell करें।
ट्रेडिंग 101: 'सही' पोजीशन साइज कैसे जानें?
पोजीशन साइजिंग एक सफल ट्रेडिंग यात्रा के पीछे सबसे कम आंका गया लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। अधिकांश व्यापारी अक्सर इस बात से चिंतित रहते हैं कि कहां से खरीदें और बेचें, यानी उनकी प्रवेश और निकास दरें, जो आवश्यक है, लेकिन यह जानना कि कितनी मात्रा में लॉन्ग/शॉर्ट जाना है, उतना ही महत्वपूर्ण है (यदि अधिक नहीं)।
सरल शब्दों में, अपने ट्रेडों पर ओवरबोर्ड जाने से आपके पूंजी पर्याप्तता स्तर आसानी से बर्बाद हो सकते हैं, जबकि बहुत कम पोजीशन अच्छे पुरस्कारों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है यदि व्यापार सही हो जाता है।
आपके ट्रेडों को उचित आकार देने के कई तरीके हैं लेकिन यहां मैं सबसे लोकप्रिय में से एक के बारे में बात करने जा रहा हूं। यह एक गतिशील स्थिति आकार देने की तकनीक है और व्यापारियों को अपने जोखिम को बढ़ाने की अनुमति देता है जब वे एक हत्या कर रहे होते हैं (जिसके परिणामस्वरूप उच्च संभावित लाभ होता है) और साथ ही जब वे खोने वाली लकीर से गुजर रहे होते हैं तो उनके जोखिम जोखिम को कम करते हैं।
ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है जानिए अगर कमाना है लाखों रूपये
शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इसे जानना आपके लिए जरूरी है यदि आप शेयर मार्केट से रेगुलर पैसा बनाना चाहते हैं। बहुत से लोगों का सवाल रहता ट्रेडिंग कैसे बेचें? है कि, क्या हम शेयर बाजार से रेगुलर इनकम कर सकते हैं जिससे हमारे घर का खर्चा चल सके?
तो हमेशा मेरा जबाव यही रहता है कि यदि आपको घर का खर्चा चलाने की जरूरत रहती है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।
स्पष्ट तरीके से कहें तो इसे आप इनकम का स्रोत तब तक नहीं बना सकते, जब तक आप इसमें करोड़ों रुपये निवेश न ट्रेडिंग कैसे बेचें? कर दें।
और यदि आपके पास इतना पैसा है, कि दैनिक खर्चों के बारे में नहीं सोंचना पड़ता है। तब आप उन पैसों को और बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं।
ट्रेडिंग कैसे किया जा सकता है इसे समझने के लिए आपका पहला कदम यह होना चाहिए कि, आप ट्रेडिंग को समझें और बेसिक जानें कि, ट्रेडिंग का मतलब ट्रेडिंग कैसे बेचें? क्या होता है एवं शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमें ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान न उठाना ट्रेडिंग कैसे बेचें? पड़े।
यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।
यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।
1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो या नुकसान।
अधिक जानें : स्पर्ट म्यूचुअल फंड का भविष्य कैसा देखते हैं
लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस ट्रेडिंग कैसे बेचें? है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा ट्रेडिंग कैसे बेचें? काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना ट्रेडिंग कैसे बेचें? होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।
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