जाकपे
यह भी भारत का एक लोकप्रिय पेमेंट गेटवे है जो सभी विदेशी और घरेलू क्रेडिट कार्ड से पेमेंट स्वीकार करता है. इसके माध्यम से डिनर्स, डिस्कवर, वीजा और मास्टरकार्ड से पेमेंट किया जा सकता है.इस्तेमाल करने के लिहाज से जाकपे सुरक्षित और आसान पेमेंट गेटवे है.

सोने से पहले के नियमित कार्यों को सही से करने के पांच उपाय

सोने से पहले अच्छी दिनचर्या से आप बेहतर गुणवत्ता वाली नींद और अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में मदद पा सकते हैं। यह आपके लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। अपने सोने से पहले नियमित कार्यों को अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित करने के लिये इन पांच साधारण उपायों को देखें।

आप अपने सोने से एक घण्टे पहले क्या खाते हैं वह आपके नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

आपको सोने के लिए खाली पेट या बहुत ज़्यादा खाकर नहीं जाना चाहिए । जैसे ही रात में आप सोने के लिए जाते हैं अगर आपका पेट गुड़गुड़ करने लगता है तो बिस्तर पर जाने से एक घण्टे पहले हल्का खाना खाएं।

बिस्तर पर जाने से दो या तीन घण्टे पहले ज़्यादा या मसालेदार खाने से बचें क्योंकि ये

बिस्तर पर जाने से कम से कम 6 घण्टे पहले कैफ़ीन (cafeine) और निकोटिन (nicotine) जैसे उत्तेजकों को लेने से बचने का प्रयास करें। क्योंकि वे सोने को मुश्किल बना सकते हैं। शराब का नींद की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए सोने से पहले शराब ना पीने का प्रयास करें।

बिस्तर पर जाने का समय निर्धारित करें

एक ही समय पर सोने और उठने का प्रयास करें। सुसंगत होना आप शरीर के इंटर्नल क्लॉक (internal clock) को चलाने में मदद कर सकता है जिससे आप सोने के समय प्राकृतिक रूप से थकान महसूस कर सकते हैं। इससे गहरी, सुकून भरी नींद लेने में आसानी होती है। यदि आप इसके साथ संघर्ष कर रहे हैं तो प्रत्येक रात बिस्तर पर जाने के लिए खुद को याद दिलाने के लिए एक अलार्म सेट करें।

आपको निर्धारित करना पड़ सकता है कि आपको कितने घण्टे के नींद की ज़रूरत है। अधिकांश वयस्कों के लिए यह 7 से 9 घण्टे हो सकता है। सोने की विभिन्न मात्राओं के साथ प्रयोग करें यह देखने के लिए की आपके लिए क्या सही है। फिर उसका पालन करें।

अपने बेडरूम को आरामदायक बनाएं

यह ज़रूरी है कि आपका बेडरूम काम, तनाव या मनोरंजन के बजाय आपकी नींद से जुड़ा हो। इलेक्ट्रॉनिक यंत्र जैसे मोबाइल फोन या टेलीविजन विपरीत प्रभाव डाल सकता है क्योंकि वे दिमाग में उत्तेजना पैदा करती हैं। बिस्तर पर जाने से पहले इलेक्ट्रॉनिक का इस्तेमाल करने से बचें और अपने बेडरूम को सोने और सेक्स के लिए रिज़र्व करें।

सुनिश्चित करें कि कमरा उचित रूप से अंधेरा, शांत और सुव्यवस्थित हो। नींद के लिए आदर्श तापमान 18C और 24C के बीच है। यदि आप शोर-शराबे वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो एक जोड़ी इयरप्लग ( earplug) रखें या डबल ग्लेज़िंग (double glazing) कराएँ। किसी भी स्ट्रीट लाइट (street light) को रोकने के लिए मोटे पर्दे लगाएं।

आपका गद्दा और तकिया दोनों आरामदायक और समर्थन देने वाले हों। इसका मतलब है आपको अपने गद्दे को हर 9 से 10 साल पर बदलना चाहिए क्योंकि यह बढ़ते समय के साथ फट सकता है और इसमें धूल और एलर्जी पैदा करने वाले तत्व एकत्रित हो सकते हैं।

अगले दिन की तैयारी करें

यदि आप अक्सर कल की चिंता में जागते हुए लेटे रहते हैं तो रात से पहले खुद को व्यवस्थित करना मदद कर सकता है। यदि आप चीज़ों को भूलने को लेकर चिंतित हैं तो करने वाली चीज़ों की सूची बनाएं।

शाम में रिलैक्स करना तनाव को संभालने और बेहतर गुणवत्ता वाली नींद में मदद कर सकता है। आप बहुत तरीकों से अपने दिमाग और शरीर को शांत कर सकते हैं:

  • किताब पढ़कर
  • आराम वाले व्यायाम जैसे कि हल्के योग और स्ट्रेचेज़ (बहुत ज़्यादा सक्रिय ना हों क्योंकि ये आपको अधिक बेचैन कर सकता है)
  • ध्यान या

टीवी (T.V.) देखना या मोबाइल (Mobile) या कम्प्यूटर(computer) चलाने से बचें क्योंकि ये खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है आपके दिमाग की गतिविधियों पर प्रभाव डालकर आपके सोने को मुश्किल बना सकते हैं।

यदि आप इन सब से ऊब चुके हैं और आप अभी भी नहीं सो पा रहे हैं , तो बिस्तर पर लेटकर घण्टों को बीतते हुए ना देखें। इससे अच्छा है आप उठें और किसी और गतिविधि के साथ रिलैक्स करें जबतक आपको नींद नहीं आ जाती।

ऑनलाइन पेमेंट के लिए बेस्ट गेटवे कौन सा है?

ऑनलाइन पेमेंट के लिए बेस्ट गेटवे कौन सा है?

जब आप किसी ऑनलाइन साईट पर पेमेंट करते हैं तो मर्चेंट की साईट आपके डेबिट/क्रेडिट कार्ड की डीटेल पेमेंट गेटवे को कन्फर्मेशन के लिए भेजती खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है है. उसके बाद पेमेंट गेटवे ही इस जानकारी को बैंक से वेरिफाई करता है और आपके खाते से रकम निकाल कर मर्चेंट के खाते में पहुंचाता है.

वैसे तो ऑनलाइन शॉपिंग या बिल पेमेंट में आपकी मदद करने के लिए बहुत से पेमेंट गेटवे हैं, लेकिन उनमें से कुछ लोकप्रिय गेटवे के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं:

साइट्रस पे पेमेंट गेटवे
साइट्रस पे इस समय देश में पेमेंट गेटवे के मामले में सबसे ऊपर है. इस गेटवे के जरिये आप वीजा, मास्टरकार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसे सभी कार्ड से पेमेंट कर सकते हैं. यह इस्तेमाल के लिए सुरक्षित भी है. साइट्रस पे साइट्रस कैश जैसी ऑनलाइन वॉलेट सेवा और बिल पेमेंट के लिए साइट्रस क्यूब जैसी सेवा भी देता है.

रुपए का इतिहास | Bharat ki mudra rupya ki janakri

भारतीय रुपये का इतिहास बहुत पुराना है। भारतीय मुद्रा की कई इकाइयां रही हैं जिनके बारे में शायद आपको भी न पता हो। लेकिन ये ज़रूरी है कि भारतीय मुद्रा के इस सफर की सभी इकाइयों के बारे में आप खुद भी जानें और अपने बच्चों को भी बताएं।

भारतीय रुपया का चिह्न ₹ है। इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है। नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए 'रु' और अंग्रेजी में Re. (१ रुपया), Rs. का प्रयोग किया जाता था।

भारत के अधिकांश भागों में रुपये को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। हिन्दी में रुपया, गुजराती (રૂપિયો) में रुपियो, तेलुगू (రూపాయి), तुलू भाषा (ರೂಪಾಯಿ) और कन्नड़ (ರೂಪಾಯಿ) में रूपाइ, तमिल (ரூபாய்) में रुबाइ, मलयालम (രൂപ) में रूपा, मराठी (रुपये) में रुपये या संस्कृत से निकले शब्द रूप्यकम्, रूप्यकं इत्यादि अन्य नाम से भी बोला जाता है। पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिज़ोरम, उड़ीसा और असम में रुपये को आधिकारिक रूप से संस्कृत के तनक नाम से जाना जाता है। इसलिए रुपये को बंगाली में टका (টাকা), असमिया में तोका (টকা) और उड़िया में टन्का (ଟଙ୍କା) के नाम से जाना जाता है और रोमन अक्षर 'T' से भारतीय बैंकनोटों में दर्शाया जाता है।

भारतीय मुद्रा रुपया के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट

भारतीय मुद्रा के लिए एक खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है आधिकारिक प्रतीक-चिह्न दिनांक 15 जुलाई, 2010 को चुना गया है जिसे आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी. उदय कुमार ने डिज़ाइन किया है।

अमेरिकी डॉलर, खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है ब्रिटिश पाउण्ड, जापानी येन और यूरोपीय संघ के यूरो के बाद रुपया पाँचवी ऐसी मुद्रा बन गया है, जिसे उसके प्रतीक-चिह्न से पहचाना जाएगा।

रुपया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम शेर शाह सूरी ने भारत मे अपने शासन १५४०-१५४५ के दौरान किया था। शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में जो रुपया चलाया वह एक चाँदी का सिक्का था जिसका भार १७८ ग्रेन (११.५३४ ग्राम) के लगभग था। उसने तांबे का सिक्का जिसे दाम तथा सोने का सिक्का जिसे मोहर कहा जाता था, को भी चलाया।

शेर शाह सूरी के शासनकाल के दौरान आरम्भ किया गया 'रुपया' आज तक प्रचलन में है। भारत में ब्रिटिश राज के दौरान भी यह प्रचलन में रहा, इस दौरान इसका भार ११.६६ ग्राम था और इसके भार का ९१.७ प्रतिशत तक शुद्ध चाँदी थी।

कागज के नोटो की शुरूआत

शुरूआत मे बैंक ऑफ बंगाल द्वारा जारी किए गए कागज के नोटो पे केवल एक तरफ ही छपा होता था। इसमे सोने की एक मोहर बनी थी और यह १००, २५०, ५०० आदि वर्गो मे थे। बाद के नोट मे एक बेलबूटा बना था जो एक महिला आकृति, व्यापार का मानवीकरण खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है दर्शाता था। यह नोट दोनो ओर छपे होते थे, तीन लिपिओं उर्दू, बंगाली और देवनागरी मे यह छपे होते थे, जिसमे पीछे की तरफ बैंक की छाप होती थी। १८०० सदी के अंत तक नोटों के मूलभाव ब्रितानी हो गए

मुद्रा के तौर पर आज हम जिस रुपये का प्रयोग करते हैं उसका चलन भारत में सदियों से है, फर्क सिर्फ इतना है कि तब भारत में मुद्रा के तौर पर चांदी और सोने के सिक्के चलन में थे। यह चलन 18वीं सदी के पूर्वार्ध तक बरकरार था लेकिन जब यूरोपीय कंपनियां व्यापार के लिए भारत में आयीं तब उन्होंने अपनी सहूलियत के लिए यहां निजी बैंक की स्थापना की, और फिर इसके बाद से ही चांदी और सोने की मुद्रा की जगह कागजी मुद्रा का चलन शुरू हो गया। भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने 1770 में जारी की थी। इन ब्रिटिश कंपनियों का व्यापार जब बंगाल से बढ़कर मुंबई, मद्रास तक पहुंच गया, तब इन जगहों पर अलग-अलग बैंकों की स्थापना शुरू हुई। इसके भारत में काग़ज़ का नोट सबसे पहले जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार ने 1773 में शुरू किया था.इसके बाद बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बंबई और बैंक ऑफ मद्रास ने कागजी मुद्राएं जारी की थी । इन बैंकों को अपने-अपने सर्किल में नोट जारी करने के अधिकार एक चार्टर के तहत दिया गया था

आजाद भारत और कागजी मुद्रा

आधुनिक भारत के रुपये का इतिहास 1947 में आजादी के बाद से शुरू होता है। आजाद भारत का पहला नोट एक रुपये का था, जिसे1949 में जारी किया गया था। इस नोट पर सारनाथ का अशोक स्तंभ अंकित था। इसके बाद नोट में कई बदलाव हुए और उस पर गेटवे ऑफ इंडिया, बृहदेश्वर मंदिर के चित्र भी छापे गये। वर्ष 1953 में भारत सरकार द्वारा जो नोट छापा गया उस पर हिंदी भाषा में भी लिखा गया। इन नोटों के जारी होने के दशकों बाद 1996 और 2005 में जारी नोट पर महात्मा गांधी की फोटो छपनी शुरू हुई। इसके बाद रुपये की नकल को रोकने के लिए उसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स डाले गये। दृष्टिहीनों की सहूलियत के लिए भी आज के नोट में कई फीचर्स डाले गये हैं. आज की अगर बात करें, तो 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के कागजी नोट चलन में हैं।

आठ नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में पैसों की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए 1000 के नोट को बंद किया जाये और पांच सौ और हजार के पुराने नोटों को हटा कर पांच सौ और दो हजार के नये नोटों को चलन में लाया गया। ताकि नोटबन्दी करके भ्रष्टाचार, काला-धन, नकली नोट जैसी गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। मुद्राओं के रंग-रूप और मूल्य कई बार बदले गये हैं तथा उनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय समय समय पर किये जाते रहे हैं।

योग (मांसपेशियों की मजबूती)

गर्भावस्था में योग मसल (मांसपेशियां) टोन और लचीलापन बरकरार रखने में मदद कर सकता है। यह आपकी अवस्था या मुद्रा में भी सुधार लाता है। प्रबल व्यायामों की तुलना में योग से आपके जोड़ों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता।

यदि आपने पहले कभी योग व्यायाम नहीं किए हैं, तो भी आप गर्भावस्था में इसकी शुरुआत कर सकती हैं। आप योग श्वसन व्यायाम भी सीख सकती हैं, जो आपको प्रसव के दौरान आरामपूर्वक रहने में मदद कर सकते हैं।

तैराकी (एरोबिक)

तैराकी बाजूओं और टांगों का अच्छा व्यायाम है और इससे आपके दिल और फेफड़ों की भी कसरत होती है। पानी आपके बढ़ते पेट के वजन को सहारा देता है, जिससे आपको तैराकी करते समय हल्का महसूस होता है।

तैरानी कमर दर्द और टांगों में सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

तैराकी के लिए ऐसे तरणताल (स्वीमिंग पूल) का चयन करें, जहां स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता हो, क्योंकि गर्भावस्था में इंफेक्शन आसानी से हो सकता है। हालांकि, तैराकी को सुरक्षित माना जाता है, मगर हॉट टब या जकुज़ी की सलाह नहीं दी जाती है।

पिलाटे (मांसपेशियों की मजबूती)

पिलाटे व्यायाम आपके पेट, पीठ और श्रोणि मंजिल की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं और आपके जोड़ों पर दबाव नहीं डालते।

विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए आयोजित पिलाटे कक्षाओं में जाने से आप एकदम उन्हीं मांसपेशियों की कसरत कर सकेंगी, जिनपर गर्भावस्था और प्रसव के दौरान सबसे ज्यादा तनाव पड़ता है। प्रेग्नेंसी बढ़ने के साथ-साथ खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है प्रशिक्षक आपको अपने व्यायाम के तरीके में भी बदलाव करने में भी सहायता करेंगे।

जॉगिंग या दौड़ना (एरोबिक)

यदि आपको दौड़ने का अनुभव है, तो जॉगिंग अपने दिल और शरीर की कसरत का एक तेज और प्रभावी तरीका है और इसे गर्भावस्था में भी जारी रखा जा सकता है।

बस यह ध्यान रखें कि आप अपने शरीर के संकेतों को पहचानें और जब भी ऊर्जा कम होने लगे तो दौड़ने की अवधि घटा लें। जॉगिंग के लिए समतल रास्ते को चुनें जहां आप संतुलन बनाए रख सकें। गर्भावस्था में गिरना और मोच आना काफी आसान होता है।

यदि आपको दौड़ने का अनुभव नहीं है, तो गर्भावस्था में इसे शुरु करना सही नहीं है। इससे आपके घुटनों और श्रोणि मंजिल पर दबाव पड़ सकता है। बेहतर है कि आप अन्य हल्के व्यायामों जैसे कि चहलकदमी या तैराकी आदि को चुनें।

Sudhir Chaudhary Show: महाकाल लोक का लोकार्पण और बंगाल से हिंदुओं का पलायन, देखें सुधीर चौधरी के साथ ब्लैक&व्हाइट

सुधीर चौधरी

  • नई दिल्ली ,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

आज सबसे पहले आपको उज्जैन के महाकाल लोक के भव्य दर्शन कराएंगे. इसके साथ ही आपके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे शक्तिशाली तस्वीर का एक ब्लैक एंड व्हाइट विश्लेषण करेंगे. इस तस्वीर में कई संदेश छिपे हैं. इन संदेशों को उन लोगों को अवश्य पढ़ना चाहिए, जो धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब ये मानते हैं कि प्रधानमंत्री की अपनी कोई धार्मिक आस्था नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, आपको चार मिनट में महाकाल लोक के दिव्य दर्शन कराएंगे और आज की इस रिपोर्ट को देखने के बाद आप महाकाल लोक के चप्पे-चप्पे को समझ जाएंगे. फिर जब कभी आप उज्जैन जाएंगे तो आपको महाकाल लोक को समझने में कोई परेशानी नहीं होगी. सुधीर चौधरी के साथ ब्लैक & व्हाइट में देखिए महाकाल लोक का लोकार्पण, बंगाल से हिंदुओं का पलायन और अन्य बड़ी खबरों का विश्लेषण.

रेटिंग: 4.18
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 365