टोकोयो ने 2020 ओलंपिक के लिए चेट्टी रोबोट का खुलासा किया
टोक्यो ओलंपिक आयोजकों ने
उन चेट्टी (बात करने वाले) रोबोटों की एक जोड़ी तैयार की जिन्हें वे 2020 के खेलों
में व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए काम पर रखेंगे। टोयोटा ने अपने ह्यूमन
सपोर्ट रोबॉट्स (HSR) और डिलिवरी
सपोर्ट रोबोट्स (DSR) का अनावरण
किया, जो कि सीट
भेंट कराने वाले (ushers ) के रूप
में कार्य करने के लिए निर्धारित हैं और भोजन और पेय लाएंगे। रोबोट ओलिंप व्यापार के लिए रोबोट खुद को ग्राहकों
के लिए पेश करेंगे, जो तब एक
टैबलेट पर ऑर्डर दे सकते हैं। पूरी तरह से घूमने वाला HSR आपके लिए चीजें लाएगा। इसमें एक विस्तार योग्य हाथ भी
है जो चीजों को उठा सकता है यदि आप उन्हें छोड़ देते हैं।
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Robotics Olympics: अंतरराष्ट्रीय रोबोटिक्स ओलंपिक में हिस्सा लेंगे मुंबई की झुग्गियों में रहने वाले पांच छात्र, ऐसे हुआ चयन
Switzerland Robotics Olympic: एनजीओ सलाम बॉम्बे ने बताया कि इनोवेशन स्टोरी (निजी कंपनी) के साथ मिलकर टैलेंट हंट के जरिए इन 5 बच्चों का चयन किया है.
Robotics Olympics in Switzerland: मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों से आने वाले कुल 5 बच्चों का चयन "फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज रोबोटिक्स ओलंपिक" के लिए किया गया है. निखत खान, प्रीतम थोपटे, पारस पावटे, रोहित साठे और सुमित यादव. ये सभी बच्चे स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में होने वाले रोबोटिक्स ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. 13 से 16 अक्टूबर तक चलने वाले रोबोटिक्स ओलंपिक में दुनिया भर के 180 देशों के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं.
इन 5 बच्चों की खासियत यह है कि यह सभी आर्थिक रूप से बेहद ही कमजोर लेकिन दिमागी रूप से प्रतिभाशाली हैं. सभी की उम्र 14 से 17 के बीच में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल डेवलपमेंट योजना के तहद मुंबई की एक एनजीओ एक निजी कंपनी के साथ मिलकर इन बच्चों का स्किल डेवलप कर रही है.
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कैसे किया चयन?
सलाम बॉम्बे (NGO) की तरफ से गौरव अरोड़ा ने बातचीत में बताया कि एनजीओ सलाम बॉम्बे ने इनोवेशन स्टोरी (निजी कंपनी) के साथ मिलकर टैलेंट हंट के जरिए मुंबई के झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले इन 5 बच्चो का चयन ओलिंप व्यापार के लिए रोबोट कर उन्हें प्रशिक्षित किया है. बच्चो को रोबोटिक्स ओलिंप व्यापार के लिए रोबोट से संबंधित ट्रेनिंग दी है, जिसमें उन्होंने 3 महीने के प्रशिक्षण के बाद एक रोबोट बनाया है जिसका नाम "द्रोणा" रखा है.
द्रोणा रोबोट कई तरह के काम करने में सक्षम है. साथ ही द्रौणा लॉन्चर सिस्टम के साथ-साथ जायरोस्कोप जैसी तकनीकों से भी लैस है. इतना ही नहीं जमीन पर तेज दौड़ने वाला ये रोबोट अपने आप को एलिवेट कर कई फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. अपने बच्चों की सफलता को देख इनके माता -पिता बहुत खुश हैं. माता-पिता की चाहत है कि बच्चे परिवार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करें. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई से इन बच्चों के सेलेक्ट होने पर खुशी जताते हुए शुभकामनाएं दी है.
डिफेंस एक्सपो २०२०: आयरन मैन ने बनाई है रोबोट आर्मी, मोदी के न्योते पर लौटे थे स्वदेश
कानपुर। पाकिस्तान के सीजफायर और आतंकवाद के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में सैनिकों को शहीद होने से बचाने के लिए आयरनमैन की रोबोट आर्मी मदद करेगी। डिफेंस एक्सपो 2020 ओलिंप व्यापार के लिए रोबोट में मैसूर से आई एक कंपनी ने ऐसा रोबोट तैयार किया है, जिससे भविष्य में सैनिकों को युद्ध स्थल में भेजने के बजाय उनके द्वारा संचालित रोबोट को भेजकर अभियानों को अंजाम दिया जा सकेगा। रोबोट वैज्ञानिक हर्षवर्धना किक्कीरी ने बताया कि वर्तमान समय से आतंकी घटनाओं में हमारे बहुत से जवान शहीद होते हैं, लेकिन इस रोबोट के प्रयोग से हम सैनिक को आतंकी अभियान से दूर रखें हुए ही आतंकी को ढेर कर सकते हैं।
सरहद पर तैनात हो सकेगा ‘ब्रेनस्टॉर्म’ रोबोट सैनिक, जानें कैसे
नई दिल्ली। डीआरडीओ ( DRDO )ने एक नए प्रोजेक्ट (सैन्य विकसित रोबोट) पर काम करना शुरू कर रहा है, जिसे मानव रहित युद्ध ( war ) के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, भविष्य में जो युद्ध लड़े जाएंगे, वो मानव सैनिक नहीं बल्कि रोबोट ( robot )आर्मी लड़ेगी। इसके लिए डीआरडीओं रोबोट आर्मी तैयार कर रहा है।
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