NSE or BSE which is best: शेयर बाजार में एनएसई में लगाएं पैसे या बीएसई में, जानिए दोनों में होता है क्या अंतर!
NSE or BSE which is best: अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश (Investment in share market) करने की सोच रहे हैं या अभी-अभी शुरुआत की है तो एक सवाल मन में जरूर उठता होगा कि आखिर बीएसई में निवेश करने से फायदा है या फिर एनएसई में निवेश करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं ये दोनों और इनमें क्या होता है अंतर (difference between nse and bse)।
NSE or BSE which is best: शेयर बाजार में एनएसई में लगाएं पैसे या बीएसई में, जानिए दोनों में होता है क्या अंतर!
पहले समझिए क्या है बीएसई और एनएसई
ये दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज हैं। बीएसई में करीब 5000 कंपनियां लिस्टेड हैं, जो एशिया का सबसे पुराना एक्सचेंज है। वहीं दूसरी ओर एनएसई में लगभग 1600 के करीब कंपनियां लिस्टेड हैं। दोनों के ही जरिए आप शेयर बाजार में पैसे लगा सकते हैं। अधिकतर कंपनियां दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होती हैं, इक्का-दुक्का कंपनियां भी सिर्फ एक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है।
बीएसई और एनएसई में क्या है अंतर?
दोनों में पहला अंतर तो शेयर की कीमत का होता है, लेकिन ये इतना मामूली होता है कि उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे मान लीजिए कि रिलायंस का शेयर बीएसई पर 2000 रुपये का है, तो सकता है कि एनएसई पर इसकी कीमत 2001 रुपये हो। वहीं स्टॉक ब्रोकर एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार एनएसई और बीएसई पर टैक्स लगाने का तरीका अलग-अलग होता है, लेकिन इसमें भी कोई बड़ा अंतर नहीं होता है।
तो एनएसई में लगाएं पैसे या बीएसई में?
एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार अगर आप नए-नए शेयर बाजार में घुसे हैं तो आपके लिए बीएसई बेहतर है, जबकि अगर आप शेयर बाजार के मझे हुए खिलाड़ी हैं तो एनएसई बेहतर विकल्प है। अगर नई कंपनियों में निवेश करते हैं तो बीएसई बेहतर विकल्प है, जबकि अगर आप ट्रेडिंग करते हैं या डेरिवेटिव्स, फ्यूचर, ऑप्शंस में पैसे लगाते हैं एनएसई बेहतर विकल्प है। एंजेल ब्रोकिग के अनुसार एनएसई के सॉफ्टवेयर बेहतर हैं, जिससे हाई रिस्क वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं। वहीं जो लोग बस एक बार पैसे लगाकर बैठकर उसे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं, उन्हें बीएसई में पैसे लगाने चाहिए।
कैसे लगाएं पैसे?
वैसे तो आप जिस भी ब्रोकर के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे, वह बीएसई BSE ऐप के फायदे और नुकसान और एनएसई दोनों ही एक्सचेंज पर रिजस्टर्ड होगा। फिर भी अगर आप अपने पसंद के एक्सचेंज में पैसा लगाना चाहते हैं तो शेयर खरीदते वक्त आपको विकल्प मिलेगा। इसी तरह शेयर बेचते वक्त भी आपको विकल्प मिलेगा कि आप किस एक्सचेंज पर शेयर बेचना चाहते हैं। वैसे अगर आप नए-नए शेयर बाजार BSE ऐप के फायदे और नुकसान में आए हैं तो एक्सचेंज की चिंता ब्रोकर पर ही छोड़ दीजिए और सिर्फ कंपनी पर ध्यान दीजिए और मुनाफा कमाइए।
TCS, Tata Steel को सबसे ज्यादा नुकसान, बैंकों के शेयर चढ़े, Sensex 326 अंक मजबूत
इससे पहले शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 111.01 (0.21 फीसदी) के नुकसान के साथ 52,907.93 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 28.20 अंक (0.18 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 15,752.05 अंक पर रहा था.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 04 जुलाई 2022, 3:47 PM IST)
- ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला रुख
- टाटा के शेयरों में ज्यादा गिरावट
Stock Market Today: हालिया रिकवरी के बाद भी घरेलू शेयर बाजार (Share Market) पर प्रेशर बना हुआ है. टाटा समूह (Tata Group) की ब्लू चिप कंपनियों के शेयरों में शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी जा रही है. इस कारण बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत लगभग स्थिर होकर की है. प्री-ओपन सेशन की हल्की गिरावट से उबर कर बाजार ने सोमवार के कारोबार की शुरुआत मामूली फायदे के साथ की. दिन के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों वोलेटाइल रहे. हालांकि कारोबार समाप्त होने के बाद दोनों इंडेक्स फायदे में रहे.
प्री-ओपन सेशन में गिरा हुआ था बाजार
घरेलू बाजार आज प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) के दौरान नुकसान में था. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्री-ओपन सेशन में गिरावट में थे. सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) भी नुकसान के साथ कारोबार कर रहा था, जिससे इस बात के संकेत मिल रहे थे कि आज घरेलू शेयर बाजार कारोबार की फ्लैट या घाटे में शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:30 बजे सेंसेक्स करीब 30 अंक गिरकर 52,900 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था. निफ्टी भी करीब 30 अंक के नुकसान के साथ 15,720 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था.
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आज का दिन बाजार के लिए वोलेटाइल रहा. सेंसेक्स और निफ्टी सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव करते रहे. हालांकि बाजार ने BSE ऐप के फायदे और नुकसान कारोबार की समाप्ति फायदे के साथ की. सेशन समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 326.84 अंक (0.62 फीसदी) के फायदे के साथ 53,234.77 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी 83.30 अंक (0.53 फीसदी) के लाभ के साथ 15,835.35 अंक पर रहा.
इन शेयरों के भाव में उथल-पुथल
आज के कारोबार सेंसेक्स की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर का शेयर सबसे ज्यादा 4.03 फीसदी के फायदे में रहा. इंडसइंड बैंक करीब 3 फीसदी BSE ऐप के फायदे और नुकसान की बढ़त में रहा. आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक और पावरग्रिड कॉरपोरेशन के शेयर भी 2-2 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुए. वहीं दूसरी ओर टाटा समूह का टीसीएस स्टॉक सबसे ज्यादा 2.46 फीसदी गिरा. टाटा स्टील में भी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई.
कल ऐसा रहा था बाजार का ट्रेंड
इससे पहले शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 111.01 (0.21 फीसदी) के नुकसान के साथ 52,907.93 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी BSE ऐप के फायदे और नुकसान 28.20 अंक (0.18 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 15,752.05 अंक पर रहा था. गुरुवार को सेंसेक्स करीब 08 अंक गिरकर 53,018.94 अंक पर बंद हुआ था. इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स 150.48 अंक (0.28 फीसदी) के नुकसान के साथ 53,026.97 अंक पर और निफ्टी 51.10 अंक (0.32 फीसदी) गिरकर 15,799.10 अंक पर बंद हुआ था.
ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला ट्रेंड
आज ग्लोबल मार्केट में भी मिला-जुला रुख बना हुआ है. शुक्रवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 1.05 फीसदी की तेजी में रहा था. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) में 0.90 फीसदी और एसएंडपी 500 (S&P 500) में 1.06 फीसदी की तेजी रही थी. आज एशियाई बाजारों में जापान का निक्की (Nikkei) 0.65 फीसदी के फायदे के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं हांगकांग का हैंगसेंग (Hangseng) 0.67 फीसदी की गिरावट में और चीन का शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) 0.14 फीसदी के मामूली फायदे में है.
Share Market Crash: Sensex 1500 अंक टूटा, ONGC को जबरदस्त फायदा, बैंकिंग-ऑटो स्टॉक में भारी नुकसान
Why Share Market Crash Today: दुनिया भर के शेयर बाजारों पर पिछले कई महीने से बिकवाली का दबाव बना हुआ है. अनिश्चित होते माहौल के बीच इन्वेस्टर्स सेफ इन्वेस्टमेंट के विकल्प तलाश रहे हैं और स्टॉक मार्केट में एक्सपोजर समेट रहे हैं. इससे बाजार में गिरावट का ट्रेंड हावी है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 07 मार्च 2022,
- (अपडेटेड 07 मार्च 2022, 3:51 PM IST)
- पिछले 3 महीने से बाजार पर बिकवाली का प्रेशर
- रूस-यूक्रेन जंग ने उड़ा दी इन्वेस्टर्स की नींदें
Stock Market Update: यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद से दुनिया भर के शेयर बाजारों (Share Market) में भारी गिरावट का दौर जारी है. भारतीय बाजार भी बिकवाली के इस ट्रेंड से अछूते नहीं हैं और लगातार नुकसान का सामना कर रहे हैं. घरेलू बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ की. कच्चे तेल में आए उबाल के बीच सोमवार को सेंसेक्स करीब 1500 अंक टूट गया.
प्री-ओपन से ही लग रहा था कि आज फिर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स BSE ऐप के फायदे और नुकसान 11 सौ अंक से कुछ ज्यादा गिरा हुआ था. जैसे ही बाजार ओपन हुआ, यह 12 सौ अंक से ज्यादा की गिरावट में चला गया. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स करीब 1700 अंक गिर गया था. पूरे दिन बाजार कभी भी गिरावट का अंतर 1000 से नीचे नहीं कर पाया. जब कारोबार समाप्त हुआ तो सेंसेक्स 1,491.06 अंक (2.74 फीसदी) गिरकर 52,842.75 अंक पर रहा. इसी तरह एनएसई निफ्टी 382.20 अंक (2.35 फीसदी) के नुकसान के साथ 15,863.15 अंक पर बंद हुआ.
इससे पहले पिछले सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को भी घरेलू बाजार में गिरावट रही थी. शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 769 अंक (1.4 फीसदी) गिरकर 54,333 अंक पर रहा था. निफ्टी भी 1.53 फीसदी गिरकर 16,245 अंक पर बंद हुआ था. गुरुवार को दिन का कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 366.22 अंक (0.66 फीसदी) के नुकसान में रहा और 55,102.68 अंक पर बंद हुआ. एनएसई का निफ्टी भी 107.90 अंक (0.65 फीसदी) गिरकर 16,498.05 अंक पर बंद हुआ.
बुधवार को भी बाजार में गिरावट आई थी. बुधवार को एक समय 1000 अंक से भी ज्यादा गिरने के बाद सेंसेक्स अंतत: 778.38 अंक (1.38 फीसदी) के नुकसान के साथ 55,468.90 अंक पर बंद हुआ था. इसी तरह एनएसई निफ्टी 187.95 अंक (1.12 फीसदी) के नुकसान के साथ 16,605.95 अंक पर बंद हुआ था. मंगलवार को महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में बाजार में कारोबार नहीं हुआ था, जबकि सोमवार को भारी उथल-पुथल के बाद बाजार में मामूली तेजी दर्ज की गई थी.
बीएसई की टॉप 50 कंपनियों में ओएनजीसी सबसे ज्यादा 13.26 फीसदी के फायदे में रही. हिंडाल्को, कोल इंडिया, एयरटेल जैसे शेयर भी फायदे में रहे. दूसरी ओर ऑटो और बैंकिंग शेयरों में इन्वेस्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इंडसइंड बैंक में 7.63 फीसदी की और एक्सिस बैंक में 6.70 फीसदी की गिरावट आई. मारुति सुजुकी का स्टॉक 6.56 फीसदी गिरा रहा.
बिगड़ रहा मार्च का मिजाज, विदेशी निवेशकों ने खूब बेचे शेयर, धड़ाम हुआ बाजार
मार्च महीने के शुरुआती सात में सिर्फ 4 दिन ऐसे रहे जब भारतीय शेयर बाजार में कारोबार हुआ। हालांकि, ये 4 दिन निवेशकों के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं। इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार का बुरा परफॉर्मेंस.
मार्च महीने के शुरुआती सात में सिर्फ 4 दिन ऐसे रहे जब भारतीय शेयर बाजार में कारोबार हुआ। हालांकि, ये 4 दिन निवेशकों के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं। इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार का बुरा परफॉर्मेंस है। इस दौरान विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी हावी है, जिस वजह से बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
4 दिन में कितना नुकसान: रूस-यूक्रेन संघर्ष जारी रहने के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। यह लगातार चौथा सत्र है जब बाजार में गिरावट दर्ज की गई। इन चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों को 11.28 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें कि वर्तमान में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,41,10,831.04 करोड़ रुपये पर आ गया है।
सिर्फ सोमवार का नुकसान: सिर्फ सोमवार की बात करें तो निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपए के करीब नुकसान हो चुका है। बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में लगातार चौथे दिन गिरावट का सिलसिला जारी रहा और यह 1,491.06 अंक यानी 2.74 प्रतिशत टूटकर 52,842.75 अंक पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,966.71 अंक यानी 3.61 प्रतिशत के नुकसान के साथ 52,367.10 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 382.20 अंक यानी 2.35 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 15,863.15 अंक के स्तर पर आ गया।
दोनों प्रमुख सूचकांकों का यह पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। बता दें कि चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 3,404.53 अंक या 6.05 प्रतिशत नीचे आया है।
वजह क्या है: कच्चे तेल के दाम जुलाई, 2008 के बाद पहली बार 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। रूस से तेल के निर्यात पर अमेरिका एवं यूरोपीय देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने का जोखिम पैदा होने से तेल के दाम इतना चढ़े हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि वैश्विक बाजारों की तर्ज पर घरेलू बाजारों में भी शुरुआती घंटे से ही भारी बिकवाली देखी गई। वहीं, सोना, एल्युमिनियम, तांबा जैसे जिंसों में भी मुद्रास्फीतिक दबाव देखा गया, जो अगली तिमाहियों में कंपनियों के लाभ को प्रभावित करेगा।
विदेशी निवेशकों का हाल: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बिकवाली का रुख बरकरार है। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को एफआईआई ने 7,631.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
बिगड़ रहा मार्च का मिजाज, विदेशी निवेशकों ने खूब बेचे शेयर, धड़ाम हुआ बाजार
मार्च महीने के शुरुआती सात में सिर्फ 4 दिन ऐसे रहे जब भारतीय शेयर बाजार में कारोबार हुआ। हालांकि, ये 4 दिन निवेशकों के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं। इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार का बुरा परफॉर्मेंस.
मार्च महीने के शुरुआती सात में सिर्फ 4 दिन ऐसे रहे जब भारतीय शेयर बाजार में कारोबार हुआ। हालांकि, ये 4 दिन निवेशकों के लिए काफी मुश्किल भरे रहे हैं। इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार का बुरा परफॉर्मेंस है। इस दौरान विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी हावी है, जिस वजह से बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
4 दिन में कितना नुकसान: रूस-यूक्रेन संघर्ष जारी रहने के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। यह लगातार चौथा सत्र है जब बाजार में गिरावट दर्ज की गई। इन चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों को 11.28 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें कि वर्तमान में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,41,10,831.04 करोड़ रुपये पर आ गया है।
सिर्फ सोमवार का नुकसान: सिर्फ सोमवार की बात करें तो निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपए के करीब नुकसान हो चुका है। बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में लगातार चौथे दिन गिरावट का सिलसिला जारी रहा और यह 1,491.06 अंक यानी 2.74 प्रतिशत टूटकर 52,842.75 अंक पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,966.71 अंक यानी 3.61 प्रतिशत के नुकसान के साथ 52,367.10 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 382.20 अंक यानी 2.35 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 15,863.15 अंक के स्तर पर आ गया।
दोनों प्रमुख सूचकांकों का यह पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। बता दें कि चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 3,404.53 अंक या 6.05 प्रतिशत नीचे आया है।
वजह क्या है: कच्चे तेल के दाम जुलाई, 2008 के बाद पहली बार 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। रूस से तेल के निर्यात पर अमेरिका एवं यूरोपीय देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने का जोखिम पैदा होने से तेल के दाम इतना चढ़े हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि वैश्विक बाजारों की तर्ज पर घरेलू बाजारों में भी शुरुआती घंटे से ही भारी बिकवाली देखी गई। वहीं, सोना, एल्युमिनियम, तांबा जैसे जिंसों में भी मुद्रास्फीतिक दबाव देखा गया, जो अगली तिमाहियों में कंपनियों के लाभ को प्रभावित करेगा।
विदेशी निवेशकों का हाल: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का बिकवाली का रुख बरकरार है। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को एफआईआई ने 7,631.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
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