भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कहा कि “आतंकवाद का समसामयिक केंद्र” बहुत सक्रिय है। उन्होंने इससे निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया। हालांकि जयशंकर ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वह परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र कर रहे थे। जयशंकर के इस बयान के बाद विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधा।
ZAR का लाभ जारी है क्योंकि ANC NEC की घोषणा से बाजार आशावादी बना हुआ है Hindi-khabar
अगर हम पिछले महीने के दौरान मूल्य कार्रवाई संकेतों के लिए देखें USD/ZAR मूल्य कार्रवाई से कुछ सीखते हैं तो यह है कि दक्षिण अफ्रीकी रैंड निस्संदेह देश में राजनीतिक स्थिति से प्रेरित होगा। ‘फला फला रिपोर्ट’ के रिलीज के साथ-साथ एएनसी चुनावी सम्मेलन के निर्माण में देर से हमें कुछ दिलचस्प मूल्य उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा है। सप्ताहांत में आयोजित एएनसी सम्मेलन के माध्यम से अधिक समाचार फिल्टर के रूप में इस सप्ताह ZAR लगातार 5 दिनों के लाभ को पोस्ट करने के लिए ट्रैक पर है।
राष्ट्रपति रामफोसा ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है
एएनसी नेशनल इलेक्टिव कॉन्फ्रेंस ने सप्ताहांत में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने के साथ कई आश्चर्य उत्पन्न नहीं किए। राष्ट्रपति ने पार्टी नेता के लिए ज्वेली मखिज़े की एक चुनौती को खारिज कर दिया, जबकि नवगठित शीर्ष 7 में अधिकांश प्रमुख पदों पर ‘रामाफोसा सहयोगियों’ का कब्जा है। जैसा कि सप्ताह के दौरान राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) की घोषणा की गई थी, राजनीतिक टिप्पणीकारों के लिए मूल्य कार्रवाई संकेतों के लिए देखें यह स्पष्ट हो गया था कि 80 एनईसी सीटों में से 57 सीटें ‘राम्फोसा सहयोगी’ के पास गई थीं। इससे राष्ट्रपति का काम आसान हो जाना चाहिए क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखना चाहते हैं क्योंकि एनपीए ने हाल के दिनों में संघर्ष और कार्रवाई के संकेत दिए हैं। बाजार स्पष्ट रूप से सम्मेलन से बाहर की खबरों से उत्साहित थे क्योंकि USD/ZAR R/$17.72 (सोमवार के उच्च) से आज के निम्नतम R/$17.04 (लेखन के समय) तक चला गया।
बैंकों ने पिछले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंसे कर्ज बट्टे खाते में डाले: सीतारमण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण.
बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज (एनपीए) बट्टे खाते में डाले हैं. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को यह जानकारी दी. वित्तमंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) या फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालते हुए उसे संबंधित बैंक के बही खाते से हटा दिया गया है. इसमें वे फंसे हुए कर्ज भी शामिल हैं जिसके एवज में चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया है.
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सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंक आरबीआई के दिशानिर्देशों तथा अपने-अपने निदेशक मंडल की मंजूरी वाली नीति के अनुसार पूंजी का अनुकूलतम स्तर पर लाने लिए अपने अपने बही-खाते को दुरूस्त करने, कर लाभ प्राप्त करने और पूंजी के अनुकूलतम स्तर प्राप्त करने को लेकर नियमित तौर पर एनपीए को बट्टे खाते में डालते हैं. आरबीआई से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाला है.''
उन्होंने स्पष्ट किया कि बट्टे खाते में कर्ज को डालने से कर्जदार को लाभ नहीं होता. वे पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने रहेंगे और बकाये की वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है.
बैंक उपलब्ध विभिन्न उपायों के माध्यम से बट्टे खाते में डाले गए राशि को वसूलने के लिये कार्रवाई जारी रखते हैं. इन उपायों में अदालतों या ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में मुकदमा दायर करना, दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत मामले दर्ज करना और गैर- निष्पादित संपत्तियों की बिक्री आदि मूल्य कार्रवाई संकेतों के लिए देखें शामिल हैं.
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अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर लिया था। इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने नयी दिल्ली में राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कम कर दी थी और व्यापार संबंध खत्म कर दिए थे।
तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच केवल एक सकारात्मक घटनाक्रम देखने को मिला है और वह है फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम समझौते की बहाली। इस फैसले के बाद आने वाले दिनों में ऐसे और कदम उठाए जाने की उम्मीद जगी थी। हालांकि इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में गर्मजोशी का कोई संकेत नहीं मिला है।
इस साल भारत ने पाकिस्तान पर नियंत्रण रेखा के निकट सीमापार घुसपैठ और आतंकवादियों के अड्डों को फिर से सक्रिय करने का आरोप लगाया, ऐसे में दोनों देशों के बीच संबंधों में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। हालांकि पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत देश में आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है।
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