भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि.
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड संगठित बिक्री - Rs 115167.14 करोड़ है, -5.14 % नीचे, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 121411.07 करोड़ से, और 12.25 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 102596.50 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs -834.73 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
Stock Market Opening: ग्लोबल संकेतों के चलते गिरावट के साथ खुले भारतीय शेयर बाजार, आईटी शेयरों में बड़ी गिरावट
Share Market Update: सेंसेक्स 170 अंकों की गिरावट के साथ 61,812 तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 51 अंकों की गिरावट भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं के साथ 18,358 पर खुला है.
By: ABP Live | Updated at : 17 Nov 2022 09:47 AM (IST)
Stock Market Opening On 17th November, 2022: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है. ग्लोबल संकेतों के चलते बाजार में ये गिरावट है. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 170 अंकों की गिरावट के साथ 61,812 तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 51 अंकों की गिरावट के साथ 18,358 पर खुला है. हालांकि अभी बाजार में भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं निचले लेवल से थोड़ी रिकवरी देखी जा रही है और सेंसेक्स फिलहाल 54 अंकों की गिरावट तो निफ्टी 26 अंकों नीचे गिरकर कारोबार कर रहा है.
सेक्टर्स का हाल
बाजार में गिरावट के बीच फार्मा, एफएमसीजी, एनर्जी, इंफ्रा और ऑयल एंड गैस सेक्टर्स के शेयर में तेजी है. वहीं बैंकिंग, ऑटो, आईटी, मेटल्स सेक्टर के शेयरों में मुनाफावसूली देखी जा रही है. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 13 शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं तो 17 शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. निफ्टी के 50 शेयरों में 24 शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं जबकि 26 शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में भी गिरावट है. शेयर बाजार का मार्केट कैप फिलहाल 284.32 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.
चढ़ने वाले शेयर्स
बाजार में गिरावट के बावजूद चढ़ने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो लार्सन 1.29 फीसदी, पावर ग्रिड 1.08 फीसदी, सिप्ला 0.98 फीसदी, टाटा कंज्यूमर 0.71 फीसदी, भारती एयरटेल 0.62 फीसदी, सन फार्मा 0.61 फीसदी, अडानी इँटरप्राइजेज 0.54 फीसदी, एक्सिस बैंक 0.43 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक 0.42 फीसदी और अल्ट्राटेक सीमेंट 0.42 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.
गिरने वाले शेयर्स
जिन शेयरों में गिरावट है भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं उनपर नजर डालें तो टाटा मोटर्स 2 फीसदी, टाइटन कंपनी 1.58 फीसदी, हिंडाल्को 1.36 फीसदी, टेक महिंद्रा 1.35 फीसदी, आईशर मोटर्स 1.34 फीसदी, टाटा स्टील 1.27 फीसदी, एचसीएल टेक 1.03 फीसदी, जेएसडब्ल्यु स्टील 1 फीसदी, टीसीएस 0.94 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है.
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Published at : 17 Nov 2022 09:24 भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं AM (IST) Tags: Share Market Update Stock Market Opening On 17th November 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
इस महीने शेयर बाजार में करना चाहते हैं कमाई, जानिए जुलाई में क्या हो सकती है बाजार की दिशा
पिछले 15 साल की बात करें तो जुलाई महीने में सेंसेक्स सिर्फ 4 बार गिरावट के साथ बंद हुआ है. और 1 बार भी गिरावट 5 फीसद से ज्यादा नहीं रही. दूसरी तरफ इस दौरान 6 बार बाजार 5 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के पंख कतर रही है. अप्रैल महीने में निफ्टी 2 परसेंट, मई में 2.6 परसेंट और जून महीने में ये गिरावट करीब पौने पांच फीसदी भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं रही है. अब एक ओर मॉनसून (Monsoon) के सहारे अर्थशास्त्री और कॉर्पोरेट जगत अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीद लगाए बैठा है तो दूसरी तरफ जुलाई में शेयर बाजार में वापस बढ़त देखने को मिलेगी ऐसी उम्मीदें निवेशकों (Investor) ने बांध ली हैं. इस उम्मीद की वजह है कि शेयर बाजार का पिछला प्रदर्शन. दरअसल पिछले कई सालों में जुलाई बाजार के लिए बढ़त का महीना साबित हुआ है. वहीं जिस साल जुलाई में नुकसान देखने को मिला है वो नुकसान भी सीमित रहा है. यही वजह है कि भारत में मॉनसून की तस्वीर साफ करने वाले इस माह में बढ़त का ट्रेंड देखते हुए निवेशक बाजार को लेकर सकारात्मक हैं.
कैसा रहा बाजार में जुलाई का महीना
पिछले 15 साल की बात करें तो जुलाई महीने में सेंसेक्स सिर्फ 4 बार गिरावट के साथ बंद हुआ है… और 1 बार भी 5 फीसद से ज्यादा की गिरावट देखने को नहीं मिली… साल 2019 में सेंसेक्स ने 15 वर्षों में सबसे ज्यादा 4.86 फीसद, जुलाई 2011 में 3.44 फीसद, जुलाई 2012 में 1.11 फीसद और जुलाई 2013 में 0.26 फीसद का नुकसान दर्ज किया है..
जबकि अगर तेजी की बात करें तो 15 में से 11 साल सेंसेक्स ने सकारात्मक रिटर्न दिया है… यानी निवेशकों को मुनाफा हुआ है… इस दौरान 6 बार तो ऐसा हुआ कि शेयर बाजार 1 महीने में 5 फीसद से ज्यादा बढ़ा… जुलाई 2009 में 8.12 परसेंट, 2020 में 7.71 फीसद, 2008 में 6.64 फीसद रिटर्न देखने को मिला है. इन्ही आंकड़ों ने निवेशकों के मन में ये उम्मीद जताई है कि इस बार शेयर बाजार में छाई मायूसी का अंत होगा…
क्या है बाजार के लिए सबसे बड़ी टेंशन
अब जरा इस बात पर नजर डालते हैं कि आखिर वो कौन सी बातें हैं जो इन ऐतिहासिक आंकड़ो भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं के लिए रोड़ा बन सकती हैं… सबसे बड़ी रुकावट तो अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें हैं जिससे विदेशी निवेशक अपना निवेश भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं रिस्की मार्केट से निकालकर सुरक्षित, बॉन्ड बाजार में लगा रहे हैं और अभी 1-2 साल तक इनके तेजी से नीचे आने की संभावना नहीं हैं जो कि शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.
इसके अलावा बढ़ती महंगाई, घटती मांग और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ रही अनिश्चितता अब घरेलू निवेशकों को भी परेशान करने लगी है. जिसकी वजह से अब तक लगातार खरीदार रहे म्यूचुअल फंड्स भी निवेश करने के बजाय ज्यादा नकदी पर बैठना पसंद कर रहे हैं.
लेकिन इन रुकावटों के बीच कुछ ऐसी खबरें भी हैं जो कुछ उम्मीद जगाती हैं. मसलन, बढ़ती महंगाई को मात देने के लिए अमेरिका, चीन के उत्पादों पर बढ़ाए गए टैरिफ को वापस ले सकता है या उनमें कमी कर सकता है.अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर के शेयर बाजारों में तेज रिकवरी आ सकती है और असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बाजार विशेषज्ञ अरुण मंत्री कहते हैं कि निफ्टी के लिए 15,500 और 15,350 एक मजबूत सपोर्ट बन चुका है और अगर निफ्टी 16,180 के स्तर को मजबूती से पार करता है तो 16,450 तक के स्तर देखने को मिल सकते है. 16,200 और 16,450 अगले बड़े रेजिस्टेंस साबित हो सकते हैं. मंत्री कहते हैं कि FII के फ्यूचर डाटा का अध्ययन करें तो पता चलता है कि FIIs जुलाई महीने के फ्यूचर में 15% ल़ॉन्ग पोजिशन के साथ जा रहे हैं तो 85% शॉर्ट पोजिशन के साथ.
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1 जुलाई 2022 तक डेरीवेटिव मार्केट में FII के आंकड़े
फ्यूचर इंडेक्स लॉन्ग | फ्यूचर इंडेक्स शॉर्ट | फ्यूचर स्टॉक लॉन्ग | फ्यूचर स्टॉक शॉर्ट | ऑप्शन इंडेक्स कॉल लॉन्ग | ऑप्शन इंडेक्स पुट लॉन्ग | ऑप्शन इंडेक्स कॉल शॉर्ट | ऑप्शन इंडेक्स पुट शॉर्ट | |
FII | 25146 | 137079 | 1381163 | 891424 | 244545 | 403833 | 182196 | 230277 |
खरीदारी में हल्की पोजिशन का मतलब ये हैं कि नीचे की तरफ गिरावट सीमित है लेकिन कोई भी पॉजिटिव ट्रिगर बाजार को शॉर्ट कवरिंग रैली का मौका दे सकता है. तो लब्बोलुआब ये कि तमाम आशंकाओं और चिंताओं के बीच निवेशकों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है. जुलाई में अच्छा मानसून, महंगाई के साथ-साथ शेयर बाजार में हो रही लगातार गिरावट से भी मुक्ति दिला सकता है.
FY23 में शेयर बाजार देगा शानदार रिटर्न? जानें बीते वित्त वर्ष से क्या मिलते हैं संकेत
भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था.
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार (Share Market) में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी (NSE Nifty) के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं के लिए भारत की ग्रोथ रेट (Growth Rate) का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था. पहली नजर में ये आकलन आपको विरोधावासी लग रहे हैं, तो बाजार का पिछले साल का प्रदर्शन सामने है. पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत कोविड की दूसरी लहर के चरम बिंदु से हुई थी और अंत जिओ पॉलिटिकल टेंशन, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, तपते मेटल और उबलते क्रूड के साथ हुआ. लेकिन इन तमाम खराब खबरों के बाद भी वित्त वर्ष 2022 में शेयर बाजार के निवेशकों ने जबरदस्त कमाई की. इस दौरान शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
निफ्टी ने सालभर भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं में 19 फीसदी और सेंसेक्स ने 18 फीसदी का रिटर्न दिया. शेयर बाजार की शानदार तेजी में निवेशकों ने 59.75 भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं लाख करोड़ रुपए की कमाई की. इस दौरान बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप एक साल पहले के मुकाबले 29 फीसदी बढ़कर करीब 264 लाख 6 हजार 501 करोड़ रुपए हो गया. इस रिकॉर्ड वैल्यूएशन की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी FPI की तरफ से भारी मुनाफावसूली की भी. पूरे 12 महीने के दौरान उन्होंने भारतीय बाजार से करीब 2.1 लाख करोड़ रुपए बाहर निकाल लिए.
तो क्या इस साल भी बाजार दौड़ लगाएंगे?
वित्त वर्ष 2023 की भी शुरुआत एक चुनौतीपूर्ण माहौल में हो रही है. एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग, कच्चे तेल में उबाल, कमोडिटी की कीमतों मे तेजी तो दूसरी तरफ कमजोर रुपया और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है. इन कारणों से अगली तिमाहियों में कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा. इसी तरह कीमतें अगर एक सीमा से ज्यादा बढ़ीं, तो मांग पर चोट पहुंचेगी और इससे पूरे ग्रोथ पर जोखिम बढ़ेगा. इक्रा ने अपने अनुमान में कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच बढ़ती ईंधन और कमोडिटी की कीमतों से घरेलू मांग प्रभावित हो सकती है. अब समझिए Emkay के विशेषज्ञ बाजार में कौन से आंकड़े पढ़ रहे हैं. क्योंकि आपके मन में भी ये सवाल उठेगा कि सुस्त होती अर्थव्यवस्था में आखिर बाजार किस तरह से तेजी हासिल कर सकता है.
असल में निफ्टी के कुल प्रॉफिट का 70 फीसद हिस्सा चार बड़े सेक्टर्स से आता है- बैंक, तेल एवं गैस, आईटी सर्विसेज और मेटल/माइनिंग. बैंकों के अलावा अन्य तीन सेक्टर की कमाई में बढ़त की भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं संभावना है, क्योंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और रुपया कमजोर हो रहा है. ये सेक्टर्स निर्यात आधारित हैं.
ब्रोकरेज हाउस Emkay ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 50 का PAT यानी कर बाद मुनाफा 1 लाख 80 हजार 200 करोड़ रुपए बढ़कर 6 लाख 04 हजार 800 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. इस बढ़त का नेतृत्व टाटा स्टील, JSW स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC, SBI और एयरटेल जैसी कंपनियां करेंगी. Nifty-50 के PAT बढ़त में दो-तिहाई योगदान इन कंपनियों का ही होगा. इसी हिसाब से देखें तो वित्त वर्ष 2023 में Nifty-50 का PAT 1 लाख 24 हजार 600 करोड़ रुपए की बढ़त के साथ 7 लाख 29 हजार 400 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट और रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि FPI की बिकवाली की रफ्तार घटी है. इसके अलावा हायर बेस पर ग्रोथ की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है. FMCG, IT जैसे सेक्टर्स में वैल्यू आधारित खरीदारी के अवसर हासिल होंगे. इन सेक्टर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. हाल में आक्रामक बिकवाली देखने के बाद अब बैंकिंग सेक्टर में भी खरीदारी देखी जा सकती है. इन सबकी वजह से FPI का रुख पॉजिटिव होगा, लेकिन वे कितने आक्रामक खरीदार रहते हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जंग, कमोडिटी कीमतों और कमाई के मामले में हालात किस तरह से बदलते हैं.
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