जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.

आरवीएनएल के स्टॉक में ट्रेडिंग करेक्शन का समय है : शोमेश कुमार की सलाह

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : आरवीएनएल के स्टॉक में अभी ट्रेडिंग करेक्शन लग रहा है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। अभी इसे 62 रुपये के स्तर पर जाकर रुकना चाहिये। इसके नीचे अगर ये खिसका तो लंबा चला जायेगा और फिर दिक्कत हो सकती है। 75-76 रुपये के स्तर से पहले इसका ऊपर ट्रेंड बहाल नहीं होगा। यह स्टॉक कंसॉलिडेट करेगा। बाकी इसमें कुछ खास परेशान होने जैसा नहीं है।

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स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट

Zerodha

स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट दोनों ही फाइनेंसियल मार्केट है, एक तरफ स्टॉक मार्केट में पूरी तरह से फाइनेंसियल प्रोडक्ट जैसे – शेयर, और सिक्योरिटी की ट्रेडिंग की जाती है, जबकि कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी जैसे –तेल, सोना, चांदी से जुड़े फाइनेंसियल प्रोडक्ट आदि की ट्रेडिंग की जाती है,

इसलिए ये कहा जा सकता है कि – स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट, दोनों भी, है तो एक जैसे ही, लेकिन इन दोनों मार्केट में ट्रेड किये जाने वाले प्रोडक्ट थोड़े अलग अलग है,

और इस तरह स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट थोड़े से अंतर है, जो आज के इस आर्टिकल में मै आपके साथ स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट के बारे में कुछ बेसिक अंतर के बारे में बताने जा रहा हु,

इस आर्टिकल से आप ये समझ पाएंगे कि – स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में बेसिक अंतर क्या है?

स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में अंतर

1. ट्रेड होने वाले फाइनेंसियल/कमोडिटी प्रोडक्ट के वैधता का समय,

स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में ट्रेड होने वाले प्रोडक्ट के बीच , समय की वैधता का सबसे बड़ा अंतर होता है, जैसे – अगर आप स्टॉक मार्केट से किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते है, तो आप उसे अपनी मर्जी से जब तक चाहे तब तक अपने पास Demat account में रख सकते है,

जबकि अगर आप कमोडिटी मार्केट से आप कमोडिटी जैसे – सोना, चांदी, तेल के कॉन्ट्रैक्ट खरीदते है तो उसे आपको एक निश्चित समय पर, उस सौदे को बेचना होता है, कमोडिटी मार्केट में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स और आप्शन कॉन्ट्रैक्ट में सौदे यानि ट्रेड किये जाते है, और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स और कॉन्ट्रैक्ट्स आम तौर पर एक महीने से लेकर ३ महीने तक के लिए होते है,

यानि, अगर आप कमोडिटी मार्केट में अगर किसी सौदे में एंट्री करते है तो आपको वह सौदा तीन महीने के भीतर पूरा करना होगा,

जबकि, स्टॉक मार्केट में अगर आप फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट और आप्शन कॉन्ट्रैक्ट के सौदों को आपको, कमोडिटी मार्केट की कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है तरह कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी डेट से पहले उन सौदों को पूरा करना होता है, लेकिन साथ ही अगर आप किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदते है, तो उस कंपनी के स्टॉक को आप जितने समय के लिए अपने Demat account में होल्ड कर सकते है,

तो इस तरह स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में, फाइनेंसियल प्रोडक्ट, के सौदे के समय का एक बहुत बड़ा अंतर होता है,

2. स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट से होने वाले इनकम का अंतर,

स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में एक और सबसे बड़ा अंतर ये है कि स्टॉक मार्केट में ख़रीदे गए स्टॉक पर आपको डिविडेंड (लाभांश) का लाभ होता है,

जबकि कमोडिटी मार्केट में आपको डिविडेंड के इनकम का लाभ नहीं होता है, कमोडिटी मार्केट में आपको सिर्फ अपने ट्रेड पर प्रॉफिट या लोस होता है,

3.स्टॉक मार्केट निवेश है जबकि कमोडिटी मार्केट सिर्फ ट्रेडिंग है,

स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में एक और सबसे बड़ा अंतर ये है कि स्टॉक मार्केट में आप स्टॉक खरीद कर निवेश कर सकते है, और उस निवेश से आपको डिविडेंड और कैपिटल गेन का लाभ मिलेगा,

जबकि कमोडिटी मार्केट में आप शुद्ध निवेश नहीं कह सकते है, कमोडिटी मार्केट में आपको पूरी तरह से एक ट्रेडर की तरह से व्यवहार करना पड़ता है, ट्रेडर एक ट्रेड लेता है और उस ट्रेड को पूरा करता है,

इस तरह, कमोडिटी मार्केट में आप लम्बे समय के लिए निवेश नहीं कर सकते है, जबकि स्टॉक मार्केट में लम्बे समय के लिए निवेश किया जा सकता है,

4.स्टॉक मार्केट निवेश और कमोडिटी मार्केट के प्रोडक्ट की अलग अलग विशेषता है,

स्टॉक मार्केट में जहा हर कंपनी के स्टॉक की ट्रेडिंग होती है, और स्टॉक चाहे किसी भी कंपनी का हो, भाव कम या ज्यादा जरुर होता है, लेकिन होता स्टॉक है, और स्टॉक की विशेषताए एक जैसी होती है,

जबकि कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी जैसे – सोना चांदी तेल अनाज की ट्रेडिंग होती है, और इस मार्केट में हर प्रोडक्ट की विशेषता अलग अलग होती है, जैसे सोने की विशेषता कुछ और चांदी की विशेषता कुछ और है जबकि तेल की विशेषता कुछ और है,

5.स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में प्रोडक्ट की सप्लाई

स्टॉक मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग होती है, और शेयर हमेशा निश्चित मात्रा में ही किसी कंपनी द्वारा जारी किये जाते है, और इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि स्टॉक मार्केट में स्टॉक की सप्लाई लगभग निश्चित है, और इसलिए क्योकि स्टॉक लिमिटेड मात्रा में होते है, इसलिए कुछ लोग जानबूझकर साजिश करके किसी कंपनी के स्टॉक को घटा या बढ़ा सकते है,

जबकि कमोडिटी मार्केट में स्टॉक की मात्रा की कोई निश्चित सीमा नहीं है, और इसलिए इसमें आसानी से किसी तरह की साजिश के बावजूद भी कमोडिटी के भाव को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं है,

आशा है, इस पोस्ट से आप समझ पाए होंगे की स्टोक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में मुख्य अंतर क्या है, अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप नीचे कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कमेंट करके पूछ सकते है और अपने विचार की प्रतिक्रया भी कमेंट में लिख सकते है,

कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित

रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट से अधिक रिटर्न कहीं और मिलना बहुत मुश्किल है.

कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित

जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.

पैसे कमाने की चाह हर किसी की होती है लेकिन कई लोगों के पास इतनी अधिक पूंजी नहीं होती है कि वे कहीं निवेश कर अधिक पैसे कमा सकें. इसके अलावा एक कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है परिस्थिति ऐसी भी होती है जिसमें आपके पास पैसे होते हैं लेकिन समझ नहीं आता है कि निवेश कहां करें. अगर आपको रिस्क लेने में डर नहीं लगता है तो आप कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं. रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट की भी इतनी क्षमता है कि आपको इस मार्केट के अलावा कहीं और इतना अधिक रिटर्न नहीं मिल सकता है. हालांकि कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा रिस्क मूल पूंजी का गंवाना भी है. आइए समझते हैं कि कमोडिटी मार्केट में निवेश कर आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं और इसके खतरे क्या-क्या हैं.

कमोडिटी मार्केट में निवेश के तुलनात्मक फायदे

केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया ने कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह बताया कि आप इसमें छोटी सी पूंजी में बहुत अधिक निवेश कर सकते हैं. इसे समझने के लिए गोल्ड में निवेश का उदाहरण लेते हैं. इस समय (28 जून 2019) सोना करीब 34,212 रुपये प्रति 10 ग्राम पर एमसीएक्स कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा है. अब सोने में निवेश के लिए आपके पास मुख्य रूप से तीन तरीके हैं.

  • अगर आपको 1 किग्रा फिजिकल गोल्ड में निवेश करना है तो आपको करीब 34.21 लाख रुपये लगाने होंगे.
  • दूसरा रास्ता आप फ्यूचर ट्रेड के जरिए गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब है कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कि आपको एक निश्चित रकम देकर अपना ऑर्डर बुक कराना है और आपके ऑर्डर का एक्सपायरी पीरियड अधिकतम 1 महीने का होगा. एक्सपायरी पीरियड का मतलब यह हुआ कि इस पीरियड के भीतर आप कभी भी अपने निवेश पर मुनाफा कमा सकते हैं. वर्तमान दर पर गोल्ड में निवेश के लिए आपको पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी मार्जिन देना होगा जो करीब 1.8 लाख रुपये बैठेगा. इसका अर्थ यह हुआ है कि 34.21 लाख रुपये के फिजिकल गोल्ड का ऑर्डर आपने महज 1.8 लाख रुपये में ही कर दिया.
  • निवेश का तीसरा रास्ता ऑप्शंस है. ऑप्शंस ट्रेड में आपको एक प्रीमियम राशि देनी होती है और इसके ऑर्डर की एक्सपायरी दो महीने की होती है. मान लेते हैं कि प्रीमियम भाव (एलटीपी) 500 रुपये है तो एक लॉट (इसका मूल्य एक किग्रा गोल्ड के बराबर होता है) के ट्रेड के हिसाब से ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश करने पर आपको करीब 50 हजार रुपये (500*100) देने होंगे. इस तरह आप देख सकते हैं कि 34.21 लाख रुपये के जरिए फिजिकल गोल्ड में और 1.8 लाख रुपये के जरिए फ्यूचर गोल्ड में निवेश की तुलना में ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश सिर्फ 50 हजार रुपये में हो जाएगा.

फ्यूचर और ऑप्शंस में ऐसे होता है प्रॉफिट कैलकुलेशन

  • फिजिकल गोल्ड में निवेश का फायदा-नुकसान कैलकुलेट करना एकदम आसान है. मान लीजिए कि आपने गोल्ड एक किग्रा गोल्ड 34 हजार प्रति दस ग्राम के भाव से निवेश किया है तो उसके भाव में 2 हजार प्रति दस ग्राम की गिरावट आने पर आपको करीब 2 लाख रुपये का नुकसान होगा जबकि उसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आने पर आपको 2 लाख रुपये के करीब मुनाफा होगा.
  • फ्यूचर की बात करें तो आपको ऑर्डर बुक करने के लिए करीब 1.8 लाख रुपये की मार्जिन मनी (पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी) आपको देना होता है. अगर इसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आती है तो आपको 2 लाख रुपये का नुकसान होगा लेकिन 2 हजार की तेजी आई तो आपको 2 लाख का मुनाफा होगा. यहां एक सलाह यह दी जाती है कि अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग में नुकसान हो रहा है तो आप 100 फीसदी मार्जिन मनी देकर गोल्ड की डिलीवरी करा सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो एग्जिट करें.
  • ऑप्शंस में आपको प्रीमियम राशि ही देनी होती है और आपको अधिकतम नुकसान प्रीमियम का ही झेलना पड़ेगा. अगर आपको लग रहा है कि गोल्ड के भाव में तेजी आ सकती है तो आप कॉल ऑप्शंस खरीदें और अगर आपको लगता है कि आगे गोल्ड के भाव में गिरावट आ सकती है तो आप पुट ऑप्शंस खरीदें. इसमें मान लेते हैं कि आपने 500 रुपये एलटीपी के आधार पर 50 हजार प्रीमियम मनी देकर ऑर्डर बुक किया है. अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की तेजी आती है तो आपका यही मुनाफा हुआ. इसके विपरीत अगर इसके कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है एलटीपी में 200 रुपये की गिरावट आए तो यह आपका नुकसान है.

कमोडिटी ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?

  • कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकर के यहां एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
  • अगर आप डिलीवरी नहीं लेते हैं तो डीमैट अकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं है और सेबी ने भी इसे अभी अनिवार्य नहीं किया है.
  • कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान के तौर पर अपना पैन कार्ड या आधार दे सकते हैं और एड्रेस प्रूफ के लिए आधार या बैंक पासबुक दे सकते हैं. फोटो देनी होगी.
  • इसके अलावा आय प्रमाण के लिए 6 महीने का बैंक पासबुक स्टेटमेंट देना होगा. एकाउंट खुलने के बाद आप कमोडिटी ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं और आपको जिस कमोडिटी में अनुमान है कि इसमें आप मुनाफा कमा सकते हैं और आप कितना रिस्क उठा सकते हैं, उसके आधार पर अपना फ्यूचर या ऑप्शंस में ट्रेडिंग करें.

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(डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी रूप में निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश संबंधी कोई भी निर्णय करने से पहले आप स्वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)

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एमसीएक्स के ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी बदलाव पर सेबी की नजर

यह मामला मद्रास उच्च न्यायालय में भी पहुंच गया है। निवेशकों के एक समूह ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एमसीएक्स पर ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपे।

इस कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है याचिका पर सेबी ने न्यायालय से जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए मोहलत मांगी है। इसके साथ ही न्यायालय ने एमसीएक्स, एमसीएक्स क्लियरिंग कॉरपोरेशन और उनके सीईओ एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी को नोटिस भी जारी किया है।

कुछ अधिकारियों ने नाम सामने न आने पर शर्त पर कहा कि एमसीएक्स के ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है बदलाव के लिए किए जा रहे परीक्षण सत्रों पर सेबी की करीबी निगाह बनी हुई है। अभी तक के परीक्षण सत्रों में कुछ खामियां पाई गई हैं।

इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए सवालों का एमसीएक्स की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।

अडानी ग्रुप करने वाला है नई डील, जानिए डिटेल्स

दोस्तों आप सभी का स्वागत है, इस पोस्ट में आपको जानने को मिलेगा कि गौतम अडानी ने अपने ही कंपनी से क्यों की बड़ी डील, तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह?

अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली। इसका मतलब है कि शेयर की कीमत में 0.74% की कमी आई है जिसका वर्तमान भाव 3995.80 रुपये है

अडानी एंटरप्राइजेज ने जलोढ़ खनिज संसाधन के 10,000 शेयर खरीदे हैं, जिसका स्वामित्व गौतम अडानी समूह के पास है। अदानी इंटरप्राइजेज ने अदानी इंफ्रा से 71,000 रुपये में डील की बात कही है और यह खरीदारी अदाणी इंटरप्राइजेज की ओर से की गई है

Adani group is about to make a new deal

अडानी एंटरप्राइजेज के बारे में: जैसा कि आपको पता ही होगा कि अदानी समूह एक भारतीय कंपनी है और साथ ही यह बहुराष्ट्रीय समूह है जिसका मुख्यालय भारत के अहमदाबाद में स्थित है और इसकी स्थापना गौतम अडानी के द्वारा 1988 में की गई थी इसका उद्देश्य अडानी इंटरप्राइजेज के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग व्यवसाय के तौर पर करने की थी

यह कंपनी मुख्य व्यवसाय जैसे हवाई अड्डे का संचालन, खाद्य प्रसंस्करण, बंदरगाह प्रबंधन, पारेषण, बिजली उत्पादन, नवीकरण ऊर्जा, प्राकृतिक गैस और खनन जैसे बुनियादी व्यवसाय में शामिल हैं और इस कंपनी में लगभग एक लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं जो दुनिया भर के जगहों से हैं और वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी में काम कर रहे हैं

अदानी एंटरप्राइजेज में रही बिकवाली: अडानी इंटरप्राइजेज के शेयरों में सप्ताह के आखिरी कारोबारी के दिन 0.74% की गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उस दिन इस शेयर में बिकवाली का माहौल था और शेयर का प्राइस उस दिन 3995.80 रुपए के आसपास था

इसके अलावा मार्केट कैप की बात करें तो अडानी इंटरप्राइजेज का मार्केट कैप लगभग 4,55,521.65 करोड़ रुपये के आसपास है। अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी समूह की कंपनियों में से एक है। इसका मतलब है कि यह समूह के सबसे सफल व्यवसायों में से एक है। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 2016-17 और 2021-22 में अपनी संपत्ति में कुल 92.2 लाख करोड़ रुपये जोड़े।

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

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