बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।

Face Value क्या है महत्व (Face Value और Market Value में अंतर)

Share Face Value In Hindi: शेयर मार्केट में अनेक सारे ऐसे जरुरी शब्द होते हैं जिनके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती है, क्योंकि इनका इस्तेमाल ट्रेडिंग के दौरान कम ही किया जाता है. इन्हीं में से एक है Face Value, जिसके बारे में शायद ही आप लोग जानते होंगें. लेकिन इस लेख को पूरा पढने के बाद आप फेस वैल्यू को अच्छे से समझने वाले हैं.

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको Face Value क्या है, Face Value क्यों महत्वपूर्ण हैं तथा Face Value और Market Value में अंतर को बहुत ही आसान शब्दों में समझाने वाले हैं ताकि आपके मन में कोई डाउट ना रहें.

तो चलिए बिना समय गंवायें शुरू करते हैं आज का हमारा यह लेख – फेस वैल्यू इन हिंदी.

Stock Market: शेयर बाजार क्या है?

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.

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BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.

ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.

किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.

Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.

प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.

शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.

हिंदी में शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.

Paytm के शेयरों में तबाही से सहमे निवेशक, सेंसेक्स 1625 अंक टूटा, निफ्टी भी धड़ाम

Share Market Today: सुबह बाजार में कारोबार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बाजार गिरने लगा. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंक टूट गया.

शेयर बाजार में भारी गिरावट (फाइल फोटो: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 22 नवंबर 2021,
  • (अपडेटेड 22 नवंबर 2021, 3:54 PM IST)
  • बाजार पर मं‍दड़‍िए हावी
  • पेटीएम ने भी सेंटिमेंट खराब किया

Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार में आज यानी सोमवार को भारी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है गिरावट देखी गई. सुबह बाजार में कारोबार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बाजार गिरने लगा. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंक टूट गया. ऐसा लगता है कि बाजार पर मंदडियों की पकड़ मजबूत हो रही है. पेटीएम की खराब हालत ने भी बाजार पर गहरा असर डाला है.

सुबह बीएसई सेंसेक्स 74 अंक की तेजी के साथ 59,710.48 पर खुला था. लेकिन खुलने के तत्काल बाद ही इसमें गिरावट शुरू हो गई और बाद में यह गिरावट बढ़ती ही गई. दोपहर 2.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1625 अंकों की भारी गिरावट के साथ 58,011.92 तक पहुंच गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1170.12 अंकों की गिरावट के साथ 58,465.89 पर बंद हुआ.

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 32 अंक की तेजी के साथ पर खुला. दोपहर 2.32 बजे के आसपास निफ्टी 484 अंकों की भारी गिरावट के साथ 17,280 पर पहुंच गया. कारोबार के अंत में निफ्टी 348.25 अंकों की तेजी के साथ 17,416.55 पर बंद हुआ.

क्यों आई गिरावट

अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले कमजोर संकेत, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, रिलायंस-पेटीएम जैसे दिग्गज शेयरों में भारी गिरावट आदि कई फैक्टर की वजह से बाजार की गिरावट लगातार बढ़ती गई. रिलायंस इंडस्ट्रीज आज 4.42% टूटकर 2363.40 पर बंद हुआ.

सभी सेक्टर लाल निशान में

सभी सेक्टर लाल निशान में चल रहे हैं. रियल्टी, हेल्थकेयर, ऑटो, तेल एवं गैस और पीएसयू बैंक इंडाइसेज में 2 से 4 फीसदी की गिरावट आई. एयरटेल के द्वारा टैरिफ बढ़ाने की वजह से आज टेलीकॉम शेयर चमकते दिखे. भारती एयरटेल 3.70% की तेजी के साथ 740.65 पर बंद हुआ.

Paytm की हालत खराब

Paytm की पेरेंट कंपनी One97 communication के शेयरों के लिए लिस्टिंग के बाद दूसरा दिन भी मुश्किल रहा. कंपनी के शेयर सोमवार को दोपहर 12.27 बजे के आसपास करीब 18 फीसदी टूटकर 1271.25 रुपये पर पहुंच गए. कारोबार के अंत में पेटीएम 13.03% की गिरावट के साथ 1360.30 रुपये पर बंद हुआ.

पिछले हफ्ते सेसेंक्स-निफ्टी में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. ऑटो को छोड़कर 18 नवंबर को सभी सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिली थी. निफ्टी 18000 को तोड़कर नीचे चला गया है. बाजार जानकारों का कहना है कि निफ्टी में अभी और करेक्शन देखने को मिल सकता है.

क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध

शेयर मार्केट

यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।

पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।

बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।

सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।

आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है

  • बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
  • बियर मार्केट: बियर मार्केट, बुल मार्केट के बिल्कुल विपरीत है। इस मामले में वित्तीय बाजार स्टॉक की कीमतों में गिरावट के साथ सुधार का अनुभव करता है और निकट अवधि में गिरने की उम्मीद करता है। बहुत कुछ 'बुल' की तरह, बियर मार्केट का 'बियर' भी वास्तविक दुनिया के भालू से लिया गया है, जो आमतौर पर नीचे की दिशा में हिट करता है। जब बाजार में संतृप्ति हो जाती है तो भालू का बाजार बढ़ जाता है क्योंकि बाजार संतृप्त हो जाता है (आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है)। यह आम तौर पर बुल-रन की ऊंचाई पर होता है और गर्त बनने तक जारी रहता है।

इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।

यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।

पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।

बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।

सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।

आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है

    बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।

इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।

Stock Market Update: एश‍ियाई बाजार के दम पर घरेलू शेयर मार्केट में सुधार, सेंसेक्‍स 500 अंक चढ़ा

Share Market Update: 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्‍स 333 अंक की तेजी के साथ 58,744.13 अंक के स्‍तर पर खुला. इसके अलावा 50 शेयर वाले एनएसई निफ्टी भी चढ़कर खुला. क्रूड ऑयल की कीमत में मामूली तेजी देखी गई.

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Stock Market Update: एश‍ियाई बाजार के दम पर घरेलू शेयर मार्केट में सुधार, सेंसेक्‍स 500 अंक चढ़ा

Share Market Today: ग्‍लोबल मार्केट से म‍िले मजबूत संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार में लगातार दूसरे द‍िन तेजी देखी गई. शुरुआती कारोबार में दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी हरे न‍िशान के साथ खुले. 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्‍स 333 अंक की तेजी के साथ 58,744.13 अंक के स्‍तर पर खुला. इसके अलावा 50 शेयर वाले एनएसई निफ्टी 17,438.75 के स्‍तर पर खुला. क्रूड ऑयल की कीमत में मामूली तेजी देखी गई और ब्रेंट क्रूड चढ़कर 91.88 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर पहुंच गया.

सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी दोनों में तेजी
बाजार खुलने के बाद कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी दोनों में तेजी द‍िखाई दी. सुबह करीब 9.45 बजे सेंसेक्‍स 657.69 अंक की तेजी के साथ 59,068.67 अंक के स्‍तर पर देखा गया. वहीं, न‍िफ्टी 187.85 अंक की तेजी के साथ 17,499.65 अंक पर कारोबार करते देखा गया. इस दौरान सेंसेक्‍स के सभी 30 शेयर हरे न‍िशान के साथ कारोबार करते देखे गए. सबसे ज्‍यादा भारती एयरटेल के शेयर में 2 प्रत‍िशत से ज्‍यादा की तेजी देखी गई. न‍िफ्टी के टॉप गेनर्स में BHARTI AIRTEL, HINDALCO, LT, M&M और HCL TECH रहे.

एशियाई बाजार में तेजी का रुख
दूसरी तरफ ग्लोबल मार्केट से म‍िले अच्छे संकेतों के दम पर एशियाई बाजार में तेजी का रुख रहा. SGX निफ्टी 140 अंक की बढ़त के साथ 17442 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. सोमवार के नतीजों के दम पर अमेरिकी बाजार 2 से 3.5 प्रत‍िशत उछलकर बंद हुए. डाओ जोंस 551 अंक चढ़कर 30186 पर और नैस्डैक 354 अंक बढ़कर 10676 के स्तर पर बंद हुआ. S&P 500 में 2.65 प्रत‍िशत की बढ़त रही.

सोमवार को तेजी के साथ बंद हुआ बाजार
इससे पहले हफ्ते के पहले कारोबारी द‍िन सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज की गई. वैश्विक शेयर शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है बाजार में सुधार और रिलायंस इंडस्ट्रीज व आईसीआईसीआई बैंक जैसे शेयर में लिवाली से बाजार में तेजी आई. बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 491 अंक बढ़कर 58,410.98 अंक पर पहुंच गया. एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी कारोबार के अंत में 126 अंक की तेजी के साथ 17,311.80 अंक पर बंद हुआ.

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