Technical analysis
Technical Analysis क्या है | What is Technical Analysis in Hindi
दोस्तों, हमें इससे पिछले लेखों में share/stock market की बारे में आधिक जानकारी दे चुके है. आज हम फिर से share market के दूसरे हिस्से (Technical analysis kya hai, What is Technical analysis in Hindi) के बारे में अच्छे से जानेंगे. इसमें हम जानेंगे की technical analysis क्या है,
Technical analysis को अच्छे से समझने के लिए किस बुक को पढ़ा जाये, स्टॉक मार्किट में सफल इन्वेस्टर बनने के लिए किस तरह से research करनी चाहिए, किस तरह पता लगाए की मार्किट किस तरफ जाने बाली है?
- किस कीमत पर share को खरीदा और बेचना चाहिए
- रिस्क कितना प्रतिशत है
- मुनाफा कितना हो सकता है
- शेयर का होल्डिंग पीरियड
टेक्निकल एनालिसिस (T.A) में बो ताकत है जिससे आपके इन सभी सवालों के जवाव मिल जाएँगे. इससे आप share और index दोनो पर नजर रख सकते है साथ ही मार्किट में घुसने का सही समय और निकलने का सही समय और रिस्क को देखते हुए सौदे को कब ख़त्म किया जाय. रिसर्च करने में उपयोग की गई तकनीकों की तरह ही टेक्निकल एनालिसिस की अपनी विशेषताएं है.
टेक्निकल एनालिसिस क्या है (What is Technical analysis in Hindi)
हम उदहारण को लेकर समझते है –
मान लीजिये की आप किसी देश में छुट्टी मना रह है, और उस देश में मौसम, रहन-सहन और खान-पान आपके लिए बिलकुल नया है. जब आप पहले दिन काफी अधिक घूम लेते है तो आपको काफी भूक भी लगने लगती है. इसके बाद आपको पास में एक जगह दिखी, जहाँ पर काफी खाने पीने की महशूर दुकाने मिली.
आप तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? उनका सुआद लेने का फैसला लेते है और वह उन दुकानों पर अलग-अलग तरह की खाने पीने की मजेदार चीजें दिखीं. इसके बाद में आपको यह समझ नहीं आ रहा की क्या खाया जाये? और वहां पर लोगों से भी नहीं पूछ सकते है क्योकि आप उनकी भाषा नहीं जानते है इस स्थति में आप क्या करेंगे? क्या वो चीजे खाएंगे?
What is Technical analysis in Hindi (विकल्प 1, विकल्प 2)
विकल्प 1: आप सबसे पहली दुकान पर जाएंगे और देखेंगे कि आखीर वह क्या पका रहा है और पकाने के लिए किन – किन पदार्थो को डाल रहा है, वह किस तरह पका रहा है, और क्या पाता उसे आप थोड़ा सा चखकर भी देखेंगे. इसके तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? बाद आप तय कर पाएंगे कि यह चीज आपके खाने लायक है या नहीं !
इसी तरह आप सभी दुकान चलाने वालों के साथ करेंगे तब आप अपनी मन पसंद जगह को ढूंढ पाएंगे और अपने मन पसंदीदा चीज खा सकेंगे. यह करने से आपको ये फायदा है की आप पूरी तरह से संतुष्ट रहंगे कि आप क्या खा रह है इसका मतलब ये हुआ की इस चीज को खाना के लिए आपने खुद ही research की हुई है.
लेकिन समस्या यह होती है जब 100 दुकाने या फिर उससे भी ज्यादा दुकाने है, ऐसे में आप सभी दुकानों को अकेले chack नहीं कर पाएंगे. अधिक दुकाने होने पर काफी दिक्कत होगी. समय की कमी, इससे भी आपको समस्या हो सकती है क्योकि आपके पास इतना समय नहीं है जो सभी दुकानों पर जा सके. ऐसे में तो यही संभव है की आपकी मनपसंद चीज ही छुट जाए.
विकल्प 2 : सबसे पहले आपको मार्किट में बीचो-बिच खड़े होकर नजर डालनी है. और ये देखने की कोशिश करे की किस दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ है और अच्छी बिक्री हो रही है. इसी प्रकार आप अनुमान लगा सकते है की उस दुकान पर अच्छा खाना मिल रहा है इसलिए इतनी भीड़ है.
इसी अनुमान लगाने की बजह से आप उस दुकान पर जाकर अच्छा खाना खायेंगे. इस तरह से आपको ज्यादा संभावना होगी की आपको बाजार का सबसे अच्छा खाना मिल सके. इससे ये फायदा होता है की आप अच्छी दुकान को जल्दी खोज सकेंगे. और सबसे ज्यादा भीड़ वाली दुकान पर जाकर अच्छा खाना पाने की उम्मीद कर सकते है.
थोड़ी दिक्कत ये है की क्या पता जिस दूकान पर अधिक भीड़ हो, उनकी पसंद ही गलत है. शायद आपको हर बार खाने के लिए अच्छा खाना ना मिले. आपको इन दोनों बिकल्प को पढ़कर ये समझ में आ गया होगा की पहला विकल्प फंडामेंटल एनालिसिस की तरह है, जिसमे आपको ही कंपनियो के बारे में गहराई से research करनी होती है.
टेक्निकल एनालिसिस-
यह फंडामेंटल एनालिसिस से काफी अलग है टेक्निकल एनालिसिस में इन्वेस्टर/ट्रेडर को मौका तलाश करना होता है की मार्किट इस समय किधर जा रही है. मार्किट क्या चाहती है? टेक्निकल एनालिसिस की तकनीक को मार्किट में सभी इन्वेस्टर/ट्रेडर पसंद करते हुए ट्रेड करते है. शेयर मार्किट में (chart/graph) को देख के ही सभी ट्रेडर/इन्वेस्टर की पसंद को पता कर सकते है.
जब चार्ट में कोई pattern बनता है तब उस pattern को देखकर मार्किट का संकेत को समझ सकते है. टेक्निकल एनालिस्ट (Technical Analyst) का काम ये होता है कि वो इस पैटर्न को समझे और अपना नजरिया बनाए. (Technical analysis kya hai? What is Technical analysis in Hindi)
टेक्निकल एनालिसिस पर कितना भरोसा कर सकते है?
जितने भी नय ट्रेडर होते है उनको लगता है की टेक्निकल एनालिसिस से आधिक रूपए कमाएंगे. लेकिन सच्चाई ये है ना तो इसे करना इतना आसान है और ना ही कम समय में अधिक पैसा कमाने का रास्ता है. यह बात ठीक है यदि टेक्निकल एनालिसिस को ठीक से समझ कर किया जाए तो इससे कम समय में भी बढ़ा मुनाफा कमा सकते है लेकिन इसे सिखने के लिए अधिक महनत करनी होगी.
यदि technical analysis की मदद से कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता है तो इसी से अधिक नुक्सान भी हो जाता है क्योकि मार्किट में अधिक पैसा डुबाने के बाद आमतौर पर नुकसान का सारा इल्जाम टेक्निकल एनालिसिस पर डाल देते है. वो लोग ट्रेडर की गलती को नहीं देखते है.
टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा ट्रेड लेने से पहले अपनी उम्मीद को रखे और अच्छे से समझ कर ट्रेडिंग करे.( Technical analysis kya hai? Technical analysis book in hindi pdf download)
टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?
- ट्रेड (Trader)- टेक्निकल एनालिसिस का सबसे अच्छा उपयोग है- short term सौदा करने के लिए. क्योकि (TA) टेक्निकल एनालिसिस long term investment के लिए ठीक नहीं है.
- लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टर को फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करना सही है. यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से इन्वेस्ट करते हो तो खरीदने का सही समय (entry point) और निकलने के सही समय (exit point) के लिए टेक्निकल एनालिसिस की मदद तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? ले सकते है.
- प्रतेक सौदे से मुनाफा- Technical analysis के दोवारा की गय सौदे कम समय के लिए होते है. इसलिए अधिक मुनाफे पाने की उम्मीद ना करे. TA में तभी अच्छा मुनाफा कमा सकते है जब आप बार-बार छोटे-छोटे सौदे (trade) करे और अच्छा मुनाफा कमाए.
Holding Period- TA टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा किय गय सौदे कुछ मिनटों से लेकर घंटो या हफ़्तों तक ही होता है इससे ज्यादा नहीं!
Risk- अच्छा ट्रेडर हमेशा अच्छे मौके की तलाश करता है, लेकिन हर बार ठीक सौदा नहीं लगता है और ट्रेडर नुकसान उठाता है. कुछ ट्रेडर ऐसे होते है जो चल रह नुकसान में मुनाफा में बदलाव की उम्मीद करते है. लेकिन ध्यान रह TA पर आधारित सौदे शार्ट term होते है, इसलिए कम नुक्सान होने पर ही मार्किट से बहार निकलने की कोशिश करे.
Technical Analysis
Technical Analysis और स्टॉक मार्केट
SHARE MARKET से होने वाले लाभों को देख कर,हमारा इसकी तरफ आकर्षित होना बिलकुल उचित है,
क्योकि हर कोई अपने बचत के पैसो का निवेश कर के ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना चाहता है,तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? लेकिन इस बात को बिल्कुल भी IGNORE नहीं किया जा सकता कि SHARE MARKET जोखिम से भरा हुआ है,
शेयर बाजार कि सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि – यहाँ हर कोई शेयर बाज़ार से लाभ कमाने के लिए ही ENTRY करता है, लेकिन सिर्फ 10% लोग ही शेयर बाजार से सही तरह से पैसे बना पाते है, और बाकी 90 % लोगो को LOSS होता है,
और यहाँ 90 % लोगो को LOSS होने का कारण है कि उन्हें ये पता नहीं होना कि –
- शेयर्स कब ख़रीदे,
- शेयर्स किस भाव में ख़रीदे
- शेयर्स कितना ख़रीदे
- शेयर्स कब बेचे
- शेयर्स किस भाव में बेचे
- शेयर्स कितना बेचे
- और LOSS की स्थिति में अपने LOSS को कैसे तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? नियंत्रित करे,
इन सभी बातो का पता लगाने के लिए हमें टेक्निकल एनालिसिस को सिखने और समझने की जरुरत होती है,
शेयर बाजार का RISK और RISK पे नियंत्रण
वैसे तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? तो पूरे शेयर बाजार में दो ही काम होता है, शेयर खरीदना और शेयर बेचना,अब यही सबसे मजेदार पार्ट भी है, और इस बाजार कि दूसरी सच्चाई और सबसे निराली बात ये है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि, कोई शेयर्स कब खरीदना चाहिए, और कब बेचना चाहिए, यही इसका जोखिम पार्ट भी है,
बाजार में जोखिम इसी बात का है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि कोई शेयर्स कब ख़रीदे, कितने भाव में ख़रीदे, और कब बेचे तथा कितने भाव में बेचे,
सारा जोखिम इसी बात का है,
क्योकि यहाँ कोई भी हमेशा 100 % सही नहीं हो सकता, और कोई भी ऐसा एक तरीका नहीं है जो सिख के हम ये कह सके कि हम शेयर बाजार के बारे में सब सिख चुके है, और हम शेयर बाजार में हमेशा फायदे में ही रहेंगे.
शेयर बाजार के जोखिम को नियंत्रित करने के उपाय –
हमने देखा कि शेयर बाजार में दो कम होते है – शेयर्स खरीदना और शेयर्स बेचना,
इन्ही दोनों से जुडी कुछ मुख्य बाते है, जैसे –
शेयर खरीदना – शेयर कब ख़रीदे? कितने मूल्य में ख़रीदे? शेयर कितना ख़रीदे ?
शेयर बेचना – शेयर कब बेचे ? शेयर कितने मूल्य में बेचे ? शेयर कितना बेचे ?
साथ ही साथ LOSS कि दशा में, पूंजी कि सुरक्षा कैसे करे?
इन सब के बारे में जानकारी रखने और उसे अमल में लाने से शेयर बाजार में मौजूद जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है,और अपने पूंजी कि रक्षा के साथ साथ सही तरह से लाभ कमाने कि अपेक्षा की जा सकती है,
जैसा कि हम पहले ही स्पस्ट कर चुके है कि, कोई भी इन्सान हमेशा ठीक ठीक नहीं बता सकता कि , कोई शेयर कब ख़रीदना चाहिए, कितने में खरीदना, कितने में बेचना, और कब और कितना बेचना चाहिए,
लेकिन इसके कुछ उपाय है, जिसके द्वारा हम , शेयर्स के बारे में इस बात को कि , हम कब, किस मूल्य पर, और कितना शेयर बेचना चाहिए, इस बारे में अपना एक बेहतर POINT OF VIEW को हम अमल में लाकर, शेयर बाजार के जोखिमों को नियंत्रित कर, LOSS को कम करके लाभ को बढाया जा सकता है,
और इन उपायों के नाम है – FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS
आइये, अब बात करते है –
TECHNICAL ANALYSIS के बारे में
जब हम किसी कंपनी का शेयर सिर्फ इस आधार पर देखते है, कि उसके भाव कब कब बढ़ जाते है और कब कब कम हो जाते है, और इस बात पर जोर नहीं दिया जाता कि कंपनी और उसके लाभ कमाने कि क्षमता कितनी STRONG है, यानी जब सिर्फ शेयर के PAST PERFORMANCE को ध्यान में रखा जाता है तो इस तरह कि BUYING या SELLING को हम TECHNICAL ANALYSIS के आधार पर खरीदना और बेचना कहते है,
और इस तरह हम कह सकते है कि, FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS आधार पर ही आप अच्छे तरीके से किसी शेयर के FUTURE PERFORMANCE का एक अनुमान बता सकते है,
इस सन्दर्भ में TECHNICAL ANALYSIS, शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और कब बेचना, कितना बेचना, कितने भाव में बेचना, स्टॉप लोस लगाना आदि के बारे में हमें बताता है,
और इसी लिए बड़े से बड़े INVESTOR भी FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS कि मदद से मार्केट में हो रहे बदलाव और शेयर्स के सौदों के बारे में बताते है कि हमें कब खरीदना और बेचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा हम लाभ कमा सके,
Technical analysis in hindi | Technical analysis क्या होता है?
Technical analysis
technical analysis का उपयोग financial market की चाल को समझने के लिए किया जाता है यह price के इतिहास और वर्तमान के आंकड़ों के आधार पर financial market की दिशा का अनुमान लगाने का एक तरीका है। technical analysis का उपयोग ज्यादातर कम टाइम या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है ट्रेडिंग में इसका अपयोग सबसे ज्यादा होता है इसमे पुराने इतिहास के आँकड़ों के आधार पर शेयर की भविष्य की चाल को समझ कर ट्रेडर ट्रेड करते हैं। यदि किसी ट्रेडर को पिछले बाजार के पैटर्न की पहचान होती है तो वह भविष्य के बाजार की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है।
How to use technical analysis | तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे करें
एक technical analyst के पास technical analysis करने के कई तरीके होते हैं । जैसे की moving average ,support and resistant level ,candlesticks, chart pattern ,volume और इंडिकेटर इत्यादि इन सब तरीकों से एक एनालिस्ट चाट की मूवमेंट और मार्केट का ट्रेंड आसानी से समझने की कोशिश करता है।
टेक्निकल एनालिस्ट के लिए कुछ इंडीकेटर्स जरुरी होते है
जब भी कोई ट्रेडर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता है तो वह शेयर प्राइस के आधार पर शेयर खरीदता है और कम समय में ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहता है। लेकिन शार्ट टर्म में शेयर की प्राइस बहुत तेजी से चेंज होती है तो निवेशक को कैसे पता रहेगा कि किस प्राइस पर शेयर खरीदना है और किस प्राइस पर शेयर बेचना है इस समस्या को सुलझाने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का यूज किया जाता है।
Basic assumptions of technical analysis
1. market action discounts everything
किसी कंपनी के मौजूदा शेयर प्राइस में उस कंपनी की फंडामेंटल फैक्टर्स ग्रोथ इनकम सभी इंक्लूड होता है उसको अलग से चेक करने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जो अभी शेयर का मौजूदा प्राइज है उसमें यह सारी बातें इंक्लूड है।
2. prices move in trends.
यहां पर हर शेयर की प्राइस एक ट्रेंड में बढ़ती या घटती रहती है यह माना जाता है कि शेयर प्राइस जिस ट्रेन में अभी चल रहा है फ्यूचर में भी वैसे ही चलने की संभावना ज्यादा होती है ट्रेंड तीन टाइप के होते हैं शॉर्ट टर्म मीडियम टर्म और लांग टर्म।
प्राइस ट्रेंड 3 तरीके से ट्रेंड करती है
up trand में शेयर की price 1 पैटर्न में बढ़ती रहती है और down trand में शेयर की price एक पैटर्न में गिरती रहती है और sideways trand में share की प्राइस 1 फिक्स इंटरवल में ट्रेंड करती है।
3. History repeats itself
शेयर मार्केट में हमेशा हिस्ट्री रिपीट होती है पास्ट में किसी वजह से यदि कोई प्राइज में चेंज आया था तो भविष्य में भी उसी वजह से उस शेयर की प्राइस में चेंज आएगा। शेयर मार्किट में प्राइस हमेशा इन्वेस्टर के इमोशंस पर चलती है।
टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत 1755 में जापान के एक चावल व्यापारी Homma munehisa ने की थी।
1755 में Homma munehisa की book The fountain of gold पब्लिक हुई थी जिससे कि टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत हुई उन्होंने बताया कि राइस की प्राइस कैसे राइस के वॉल्यूम और मौसम पर निर्भर करती है इसको समझ कर आप फ्यूचर मैं राइस की प्राइस को समझ सकते हैं
Dow theory
Technical analysis
आज हम किस मॉडर्न technical analysis की theory को जानते हैं और यूज़ करते हैं वो बेस्ड है dow theory पर।
इस थ्योरी को वॉल स्ट्रीट Dow Jones Industrial Average (DJIA) के फाउंडर Charles Henry Dow द्वारा लिखी 255 Wall Street Journal Editorial Article पर आधारित है। और इस article को William Peter Hamilton, Robert Rhea and E. George Schaefer ने रीऑर्गेनाइज करके पब्लिश किया और आज इस थ्योरी को टेक्निकल एनालिसिस मैं बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मैं Technical Analysis कैसे सीख सकता हूँ?
Technical Analysis सीखने के लिए सबसे पहले निवेश, स्टॉक, बाजार, और वित्तीय की मूल बातें सीखना होगा। यह तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? सब books, online courses, online material, and classes के माध्यम से किया जा सकता है। एक बार मूल बातें समझ जाने के बाद, आप उसी प्रकार की सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन वे जो विशेष रूप से Technical Analysis पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
टेक्निकल या फंडामेंटल विश्लेषण, दोनों में किस पर करें भरोसा?
निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनकी कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है और उन शेयरों को बेच देते हैं जिनमें कमजोरी की आशंका होती है.
यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं.
1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
किसी शेयर के संभावित भविष्य का आंकलन कई व्यापक संकेतों के आधार पर किया जाता है. इसमें देश का जीडीपी, महंगाई दर, ब्याज दर के साथ-साथ कंपनी की बिक्री, मुनाफा क्षमता, रिटर्न ऑन इक्विटी, नकद स्थिति और लाइबिलिटी शामिल होते हैं.
2. क्या है तकनीकी विश्लेषण?
तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.
3. फंडामेंटल डेटा को क्यों नजरअंदाज किया जाता है?
तकनीकी विश्लेषक फंडामेंटल आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं. इसकी वजह यह नहीं है कि इनकी प्रासंगिकता नहीं होती बल्कि यह है कि बाजार इन आंकड़ों पहले ही गौर कर चुका होता है. इसलिए दोबारा उनके विश्लेषण की जरूरत नहीं पड़ती है. इस मेथड का पहला सिद्धांत यह है कि 'कीमत में हर चीज शामिल होती है.'
4. दोनों में से कौन है बेहतर?
यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. इसकी वजह यह है कि तकनीकी विश्लेषण छोटी अवधि की ट्रेडिंग और निवेश के मामले में कारगर है. फंडामेंटल एनालिसिस लंबी अवधि के निवेश में उपयोगी है. चूंकि, दोनों मेथड फायदेमंद हैं, इसलिए ज्यादातर ब्रोकरेज फर्में दोनों का इस्तेमाल करती हैं.
5. टेक्नो-फंडा विश्लेषण क्या है?
सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं. फंडामेंटल विश्लेषण बताता है कि किन-किन शेयरकों में निवेश के आसार हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण बताता है कि इनमें कब पैसा लगाने से मुनाफा बढ़ाया जा सकता है.
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