Demand Deposit Account यानि आवश्यकता के अनुसार जमा निकासी का खाता करंट अकाउंट ही होता हैं, क्यों खुलवाएं चालू खाता और इसके खुलवाने का प्रोसेस आपकों इन पॉइंट्स के जरिये बताया गया हैं.
Types Of Bank Accounts In Hindi | Bank Accounts कितने प्रकार के होते हैं?
Types Of Bank Accounts In Hindi : दोस्तों आज के इस आधुनिक युग में हर एक व्यक्ति के पास अपना बैंक अकाउंट है, लेकिन बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता कि बैंक में कितने तरह के खाते होते हैं , Bank Accounts कितने प्रकार के होते हैं? Types Of Bank Accounts In Hindi या फिर उन खातों को किस तरह प्रयोग में लाया जाता है।
आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं [Types Of Bank Accounts in Hindi] , अकाउंट कितने प्रकार के होते बैंक अकाउंट कैसे खोलते है और विभिन्न खातों की क्या-क्या सीमाएं होती हैं आदि के बारें में जानेंगे दोस्तों.
बैंक अकाउंट क्या है | What is Bank Account in Hindi
दोस्तों आपके जानकारी के लिए बता दूँ की बैंक अकाउंट या बैंक खाता बैंकों के द्वारा प्रदान करवाए जाने एक वित्तीय खाता होता है जिसमें ग्राहक के पैसों को बैंक द्वारा अपने पास सुरक्षित रखा जाता है. और बैंक के बीच सारी लेन-देन की प्रक्रिया दर्ज होती है. बैंक अकाउंट ही वह माध्यम होता है जिसके द्वारा बैंक लोगों को अपने से जोड़ता है. किसी बैंक के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठाने के लिए ग्राहक के पास बैंक खाता का होना अनिवार्य है.
दोस्तों आप सब के मन में एक सवाल जरूर आता होगा की आखिर बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते है और , How many Types Of Bank Accounts तो दोस्तों आपके जानकारी के लिए बता दूँ की मुख्यता बैंक अकाउंट भारत में रूप से 4 प्रकार के Bank Accounts होते हैं
निष्कर्ष (conclusion)
तो दोस्तों यहां चालू खाते के प्रकार क्या हैं? हमने बैंक अकाउंट से सम्बधित सभी जानकरी साझा करी है जिसमे हमने आपको बताए चालू खाते के प्रकार क्या हैं? है की Types Of Bank Accounts In Hindi | Bank Accounts कितने प्रकार के होते हैं? , बैंक अकाउंट क्या है | What is Bank Account in Hindi दोस्तों पढ़ कर आपको पता चल ही गया होगा Bank Accounts कितने प्रकार के होते हैं और कैसे काम करता है अगर आपको ये लेख में दी हुई जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करे।
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सेविंग अकाउंट
सेविंग चालू खाते के प्रकार क्या हैं? चालू खाते के प्रकार क्या हैं? अकाउंट को बचत खाता भी कहा जाता है। बचत खाता आम आदमी के लिए चालू खाते के प्रकार क्या हैं? काफी लाभदायक होता है। इसमें वह अपने सेविंग के पैसों को थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर सकता है। बचत खाते में जमा पैसों पर बैंक द्वारा ब्याज दर मिलती है।
करंट अकाउंट
करंट अकाउंट को चालू खाते के नाम से भी जाना जाता है। ये अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। इस अकाउंट में हमेशा लेन देन चलती रहती है। इसी वजह से इसको चालू खाता कहा जाता है।
सेविंग और करंट अकाउंट के बीच का अंतर
सेविंग अकाउंट को आम आदमी के लिए बनाया गया है। वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। बचत खाते में आपको बैंक से ब्याज दर मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ब्याज दर नहीं मिलती है।
सेविंग अकाउंट में आप निश्चित मात्रा में ही ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें आपको ट्रांजेक्शन लिमिट मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ट्रांजैक्शन लिमिट नहीं होती है। आप जितनी चाहे उतनी ट्रांजैक्शन इसमें कर सकते हैं।
करंट अकाउंट
करंट अकाउंट को चालू खाते के नाम से भी जाना जाता है। ये अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। इस अकाउंट में हमेशा लेन देन चलती रहती है। इसी वजह से इसको चालू खाता कहा जाता है।
सेविंग और करंट अकाउंट के बीच का अंतर
सेविंग अकाउंट को आम आदमी के लिए बनाया गया है। वहीं करंट अकाउंट व्यापारियों के लिए होता है। बचत खाते में आपको बैंक से ब्याज दर मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ब्याज दर नहीं मिलती है।
सेविंग अकाउंट में आप निश्चित मात्रा में ही ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसमें आपको ट्रांजेक्शन लिमिट मिलती है। वहीं चालू खाते में किसी भी प्रकार की ट्रांजैक्शन लिमिट नहीं होती है। आप जितनी चाहे उतनी ट्रांजैक्शन इसमें कर सकते हैं।
चालू खाता होने के फायदे (Advantages of Current Bank Account)
कोई व्यक्ति क्यों करंट अकाउंट खुलवाएं इसके क्या फायदे चालू खाते के प्रकार क्या हैं? अर्थात लाभ हैं इन्हें हम कुछ बिन्दुओं के जरिये समझने का प्रयास करते हैं.
- बैंक चालू खाता धारक ग्राहक को अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए भुगतान को चालू खाते के प्रकार क्या हैं? मैनेज करने की सुविधा देता हैं.
- इस खाते से असीमित और अनियमित रूप से जमा रकम को निकालने की अनुमति होती हैं.
- करंट अकाउंट में धन जमा कराने की कोई लिमिट भी नहीं हैं अल्प शुल्क के साथ जितनी बार चाहे उतनी बार ग्राहक पैसे खाते में जमा करवा सकते हैं. साथ ही होम ब्रांच की बाध्यता भी नहीं हैं, किसी ब्रांच या माध्यम के जरिये धन जमा किया जा सकता हैं.
- ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार लेनदारों को चेक, पे आर्डर अथवा डिमांड ड्राफ्ट के जरिये धन का भुगतान कर सकता हैं.
- बैंक चालू खाता धारक को ओवर ड्राफ्ट की सुविधा भी देता हैं.
- भले ही चालू खाते में ब्याज दर न्यूनतम हो परन्तु लेन देन की सुविधा की दृष्टि से यह उत्तम खाता हैं.
- करंट खाते से फ्री इन्वार्ड रेमिटेंस की सुविधा भी मिलती हैं अर्थात किसी भी जगह से धन की निकासी और जमा किया जा सकता हैं.
- टैक्स सीमा के तहत कितनी भी बड़ी राशि को खाते से निकाला जा सकता हैं.
- उद्यमी वर्ग की नियमित आवश्यकताओं, व्यापार उत्थान में करंट अकाउंट बेहद मददगार हैं.
- इन्टरनेट बैंकिंग एवं मोबाइल बैंकिंग का लाभ भी करंट अकाउंट में मिलता हैं.
चालू खाता के नुकसान (Disadvantages of Current Bank Account)
अगर करंट अकाउंट के कुछ नुकसानों की बात करें तो ये निम्नवत हैं.
- सेविंग या एफडी की तुलना में Current bank Account में जमा राशि पर बेहद अल्प ब्याज मिलता हैं इससे उद्यमी अतिरिक्त लाभ से वंचित हो जाता हैं.
- निरंतर निकासी और जमा की प्रक्रियाओं के शुल्क का भार ग्राहक पर पड़ता हैं इससे अतिरिक्त शुल्क अदा करने पड़ते हैं.
- कागज़ी कार्यवाही और प्रिंट वर्क के चलते बहुत सारा समय भी व्यय हो जाता हैं.
- व्यावसायिक लेन देनो पर बैंक को शुल्क अदा करना पड़ता हैं.
- भले ही चालू खाते में पैसे जमा कराने की कोई सीमा निर्धारित नहीं हैं मगर इसकी निकासी को लेकर बंधन हैं.
करेंट अकाउंट डेफिसिट (what is Current Account Deficit)
आपने कई बार करंट अकाउंट डेफिसिट शब्द अवश्य सुना होगा, आपको बता दे यह टर्म अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और इकोनॉमिक से जुड़ी हैं जिसका एक बैंक खाता धारक के साथ उतना प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं हैं फिर भी लगे हाथ जान लीजिए कि करंट अकाउंट डेफिसिट क्या होता हैं.
सरल शब्दों में कहे तो यह आयात निर्यात के बीच के असंतुलन को दर्शाने वाली टर्म हैं. हमारा देश कई चीजे अपने यहाँ बनाता हैं तथा उनका निर्यात करता हैं तो कुछ चीजे आयात करता हैं. एक उदाहरण के लिए हमने अमेरिका से एक वित्तीय वर्ष में 1000 रु की चीजे खरीदी बदले में हमने यूएस को 800 रु का सामान चालू खाते के प्रकार क्या हैं? बेचा, अतः हमारे करंट अकाउंट में 200 रु का डेफिसिट यानी घाटा हुआ हैं.
यह घाटा देश की कुल अर्थव्यवस्था के 2.50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चालू खाते के प्रकार क्या हैं? चाहिए, इसका सीधा असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ता हैं जिससे देश में बाहर से आने वाली चीजों की कीमत का बैलेंस रहता हैं. अन्तोगत्वा बड़े करंट अकाउंट डेफिसिट का नतीजा आम जनता को महंगाई के रूप में भुगतना पड़ता हैं.
जानिए क्या होता है करेंट अकाउंट?
करेंट अकाउंट बिजनेस चलाने वाले लोगों के लिए एक बैंक खाता होता है. यह रोजमर्रा के बिजनेस ट्रांजेक्शन करने की सहूलियत देता है.
2. करेंट अकाउंट में पड़े पैसे को किसी भी समय बैंक की शाखा या एटीएम से निकाला जा सकता है. इसमें किसी तरह की कोई बंदिश नहीं होती है. खाताधारक कितनी भी बार चाहें पैसे को निकाल जमा कर सकते हैं. यानी चालू खाते में आप अपनी मर्जी से दिन में जितने चाहें उतने लेनदेन कर सकते हैं.
3. इस खाते का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन या चेक ट्रांजेक्शन के लिए होता है.
4. बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट अकाउंट में जमा पैसा अक्सर फ्लक्चुएट (ऊपर-नीचे) हुआ करता है. लिहाजा, बैंक इस पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं. कह सकते हैं कि बैंकों से मिलने वाली यह खास तरह की सुविधा होती है.
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