जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

स्टॉक मार्केट में करने जा रहे हैं ट्रेडिंग, ये 5 टिप्स आएंगे काम

रिटेल निवेशक

हालांकि शेयर बाज़ार में निवेश भी एक तरह की ट्रेडिंग है। फर्क बस चंद दिन, महीने और साल का है। फिर भी चूंकि साल का अंत है और तमाम ब्रोकर फर्में 2014 के टॉप-पिक्स जहां-तहां फेंकने लगी हैं तो सोचा कि हम भी आज निवेश तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? की जांच-परख कर लें। आज हम तथास्तु में बताई गई ऐसी पच्चीस कंपनियों की सूची पेश कर रहे हैं जिन्होंने चंद महीनों में औसतन 25% से ज्यादा रिटर्न दिया है। इसमें अधिकतमऔर और भी

लंबे दौर में अच्छे-बुरे का लॉजिक जरूर चलता होगा, लेकिन छोटे समय में शेयर बाज़ार में केवल एक लॉजिक चलता है। वो यह कि डिमांड ज्यादा है कि सप्लाई। इसी के जुड़ा है कि लालच ज्यादा है कि डर। अगर डिमांड या लालच का पलड़ा भारी है तो शेयर के भाव बढ़ेंगे। अगर डर के चलते लोग निकल रहे हैं और सप्लाई ज्यादा है तो शेयर के भाव गिरेंगे। समझदार ट्रेडर इसी नापतौल के बाद दांव चलतेऔर और भी

खरीदनेवाले ही हुए बेचने पर उतारू!

जिस तरह सियारों के झुंड में पड़ा शेर सियार नहीं बन जाता, कौओं के झुंड में फंसा हंस कौआ नहीं बन जाता, वैसे ही निवेश-निवेश के शोर में आम भारतीय निवेशक ट्रेडर से निवेशक नहीं बन सकता। अभी भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर की जो स्थिति है, उसमें उसे ऐसा बनना भी नहीं चाहिए। पांच साल के ऊपर का निवेश किसी म्यूचुअल फंड की लांग टर्म इक्विटी स्कीम में और उससे पहले शुद्ध ट्रेडिंग। आज क्या हैं ट्रेडिंग केऔर और भी

हमारी सरकार मुंह से कहती है कि वो आम या रिटेल निवेशकों को शेयर बाज़ार में लाना चाहती है। लेकिन हकीकत यह है कि वो हम आप जैसे निवेशकों को जिबह करना चाहती है। नहीं तो क्या वजह है कि सेबी से लेकर कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तक डंके की चोट पर बताता है कि, “भारतीय सिक्यूरिटीज़ बाज़ार में केवल रिटेल निवेशकों को ही डे-ट्रेडिंग (इंट्रा-डे) ट्रेडिंग की इजाज़त है।” वैसे, बाज़ार का हाल भी विचित्र है।और भी और भी

खुला एसटीटी की नई दरों का पूरा सच

नए वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में सिक्यूटिरीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को लेकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ-साथ बजट दस्तावेजों ने भी जिस तरह का भ्रम तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? पैदा किया है, उससे बड़े-बड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट तक गच्चा खा जा रहे हैं। अभी हाल ही में मुंबई के मशहूर चार्टर्ड एकाउंटेंट विमल पुनमिया ने एक सेमिनार में बताया था कि शेयर बाज़ार में कैश डिलीवरी वाले सौदों पर एसटीटी खत्म कर दिया गया है। अलग तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? से ‘अर्थकाम’ के पूछनेऔर और भी

यकीन नहीं आता। लेकिन कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की तरफ से निवेशकों को पूंजी बाज़ार में पारंगत बनाने तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? के लिए जारी 156 पेज की नई किताब के पेज नंबर 84 पर बताया गया है कि, ‘भारतीय बाज़ार में केवल रिटेल निवेशकों को ही डे-ट्रेड की इजाज़त है।’ डे ट्रेडिंग का मतलब शेयरों की उस खरीद-फरोख्त से है, जिन्हें दिन के दिन में निपटा लिया जाता है। बाज़ार बंद होने से पहले ही सारी पोजिशंस काट तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? ली जाती हैं।और और भी

ट्रेड को प्लान करें

सफल ट्रेडिंग एक सोच समझकर प्लान करने वाली रणनीति है जिस पर लगातार काम होता है. एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बताता है कि आप बाजार में क्या करते हैं और कैसे – ट्रेडिंग रूट बनाने में मदद करना , गलतियों से बचना, और अपने आप को बेहतर मैनेज करना.

प्रो टिप: अपना ट्रेडिंग प्लान लिखें. अपने ट्रेडिंग गोल्स, बाजार मापदंडों, कब निकलना है कब रहना है, रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटिजी के आधार पर एक लिस्ट बनाएं. जिन्हें आप ट्रैक करना चाहते हैं उन पर्फॉरमेंस और प्रक्रिया मेट्रिक्स को तय करें और नियमित रूप से एक डायरी में रिकॉर्ड करे. अपने ट्रेड का मूल्यांकन करके, आप अपनी स्किल्स को बेहतर कर पाएंगे.

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अनुशासन

कोई प्लान तभी मदद करेगा जब आप अनुशासन के साथ उस पर टिक पाएंगे. किसी एक ट्रेड के लिए अपनी योजना / चेकलिस्ट को न बदलें. प्रदर्शन डेटा को इस्तेमाल कर ट्रेडिंग बिजनेस में ना होने के वक्त परिवर्तन सबसे अच्छा होता है.

प्रो टिप: उन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक नियम-आधारित अप्रोच का इस्तेमाल करें जहां अनुशासित होना एक चुनौती है. उदाहरण के लिए, हम में से कुछ अपने स्टॉप-लॉस को नीचे ले जाते हैं, जब कोई व्यापार तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? अच्छी तरह से नहीं होता है – इस उम्मीद में कि वह वापस आ जाएगा लेकिन इससे और ज्यादा फंड्स गंवा दिए जाते हैं. इस स्थिति के लिए एक नियम हो सकता है – “मैं अपने स्टॉप-लॉस को कुछ बहुत एक्सट्रीम कंडिशन के अलावा नीचे नहीं तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? ले जाऊंगा.” इन स्थितियों को पहले से ही तय करें.

ध्यान केंद्रित करने की अपनी क्षमता को बढ़ावा दें

लंबे समय तक ट्रेडिंग स्क्रीन को देखने पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है जो तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? अक्सर खराब निर्णय या महंगी गलतियों की ओर जाता है.
प्रो टिप: 1980 के दशक में फ्रांसेस्को सिरिलो द्वारा विकसित – पोमोडोरो तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी ध्यान क्षमता को बढ़ाएं. 25 मिनट के फोकस पीरियड और 5 मिनट के मेंटल ब्रेक के बीच अपना ध्यान विभाजित करें. नियमित रूप से इस तकनीक का अभ्यास करके, आप धीरे-धीरे अपना फोकस पीरियड एक घंटे तक बढ़ा सकते हैं.

अधिकांश व्यापारियों का मानना ​​है कि वे बेहतर व्यापार कर पाएंगे अगर वो भावनाहीन हो पाते. हालाँकि, भावनाएं मैससेंजर की तरह होती हैं जो आपको परिस्थितियों का एहसास कराने में मदद करती हैं. साथ ही, बाजार में अच्छी तरह से काम करने के लिए, डर, लालच, चिंता और यहां तक ​​कि तनाव जैसी नकारात्मक भावनाओं पर भी नजर रखना जरूरी है. दरअसल आपको अपने इमोशन को कंट्रोल करना सीखना है, इसलिए आप ट्रेंडिंग से जुड़े बेहतर निर्णय ले सकते हैं.

नुकसान को संभालना

ट्रेडिंग जोखिम से भरा है – यहां तक ​​कि सबसे अनुभवी व्यापारी को नुकसान और असफलताओं का सामना करना पड़ेगा. सबसे अच्छे व्यापारी नुकसान से बचने के बजाय अपनी गलतियों के सीख लेते हैं. इस लिए, घाटे को मैनेज करने के लिए सबसे पहले यह अपनाना जरूरी है कि घाटे से बचा नहीं जा सकता है, वो होगा. लेकिन जब घाटा हो तब उससे निपटने के लिए आपके पास प्लान होना चाहिए.

प्रो टिप: भारी नुकसान या असफलताओं के समय में, प्रमुख ट्रैडिंग मनोवैज्ञानिक स्टीव वार्ड तीन चीजों पर फोकस करने की सलाह तो क्या ट्रेडिंग में लालच निवेशकों की मदद करता है? देते हैं: आपकी ताकत (वे क्या हैं और आप उन्हें इस स्थिति में कैसे उपयोग कर सकते हैं?), सकारात्मक (अब आपके जीवन में क्या अच्छा हो रहा है?), और नियंत्रण (वे चीजें क्या हैं जो जो आप बाकी चीजों को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं?)

सबसे जरूरी है इन बातों को अमल में लाना. धीरे-धीरे इन टिप्स से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं.

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