बैंक इस तरह के गंभीर जोखिम से जुड़े हुए हैं। कोई यह सोच सकता है कि इनका मेल बैंकों के लिए आपदा का पिटारा खोल सकता है। जीएसएफआर की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि दुनिया के बैंक सबसे खराब स्थिति से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। इस समय वृद्धि से जुड़े सभी पूर्वानुमान आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित हैं। इस वक्त यूक्रेन संघर्ष मौजूदा निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? स्तर पर बना हुआ है। आसार हैं कि तेल की कीमतें लगभग 92 डॉलर प्रति बैरल होंगी, मुद्रास्फीति अगली कुछ तिमाहियों में सामान्य स्तर पर होगी। लेकिन अगर हालात बिगड़ते हैं तब क्या होगा? अगर यूक्रेन संघर्ष बढ़ता है और अमेरिका के साथ उसके सहयोगी भी दूसरी बार प्रतिबंध लगा देंगे तब क्या होगा?

वैश्विक बैंकिंग की उज्ज्वल संभावनाएं

वर्ष 2007 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से यूक्रेन संघर्ष ने वृद्धि के लिए सबसे बड़ी चुनौती वाली स्थिति बना दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2022 में 3.2 प्रतिशत और 2023 में 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वर्ष 2020 के महामारी वर्ष को छोड़ दें तो 2023 में वृद्धि वर्ष 2010 के बाद सबसे कम होगी।

धीमी वृद्धि और बढ़ती ब्याज दरें बैंकों के लिए बुरी हैं। धीमी वृद्धि से फंसे हुए कर्ज में बढ़ोतरी होती है। बढ़ती ब्याज दरें बॉन्ड बाजार के घाटे में तब्दील हो जाती हैं। हैरानी की बात यह है कि ऐसा प्रतीत होता है कि वैश्विक बैंकिंग प्रणाली को इस कठिन समय में दिवालिया होने जैसे किसी भी बड़े जोखिम का सामना नहीं करना पड़ रहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? कि वर्ष 2023 के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था सामान्य हो सकती है।

एक्सपर्ट एडवाइस: लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए यह बेहतर समय, जल्द ही बन सकती है लाभ की स्थिति

बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस से संबंधित घटनाक्रमों और इससे उपजी चिंताओं के मद्देनजर बाजार ने घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वर्तमान में, इक्विटी मूल्यांकन सस्ते हैं और निवेशकों में घबराहट का माहौल है। अतीत में इस तरह की घटनाएं लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं। निमेश शाह (एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ) कहते हैं कि ऐसा अवसर एक दशक में एक बार आता है। पिछली बार निवेशकों को ऐसा मौका 2008 और 2001 में मिला था।


3 से 5 निवेश में फा
यदा
निमेश शाह अनुसार तीन से पांच साल तक के निवेशक भारतीय शेयरों से उम्मीद से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, जब भी बाजार बुरे दौर से गुजरता है तो समाचार का प्रभाव बेहद नकारात्मक होता है और कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि आगे क्या होगा। इसका पता तो अतीत में जाने के बाद ही लगता है। यहां तक कि डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षण दिखाई पड़ता है और साथ ही निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। इसका कारण अच्छे क्रेडिट का प्रसार है। इसलिए, यहां भी हमारे पास एक दशक में एक बार कॉर्पोरेट पेपर में निवेश करने और इस समय इक्विटी में निवेश करने का अच्छा अवसर आया है।

शेयर बाजार में निवेश करने का आकर्षक है अवसर, सस्‍ते दाम पर मौजूद हैं अच्‍छे शेयर

शेयर बाजार में निवेश करने का आकर्षक है अवसर, सस्‍ते दाम पर मौजूद हैं अच्‍छे शेयर

निमेश शाह, नई दिल्‍ली। कोरोनावायरस से संबंधित घटनाक्रमों और इससे उपजी चिंताओं के मद्देनजर बाजार ने घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वर्तमान में, इक्विटी वैल्‍यूएशन सस्ते हैं और निवेशकों निवेशक घबराहट की स्थिति में क्या कर सकते हैं? में घबराहट का माहौल है। अतीत में इस तरह की घटनाएं लंबी अवधि के इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं। ऐसा अवसर एक दशक में एक बार आता है।

पिछली बार निवेशकों को ऐसा मौका 2008 और 2001 में मिला था। तीन से पांच साल तक के निवेशक भारतीय शेयरों से उम्मीद से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, जब भी बाजार बुरे दौर से गुजरता है तो समाचार का प्रभाव बेहद नकारात्मक होता है और कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि आगे क्या होगा। इसका पता तो अतीत में जाने के बाद ही लगता है। यहां तक कि डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षक दिखाई पड़ता है और साथ ही निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। इसका कारण अच्छे क्रेडिट का प्रसार है। इसलिए, यहां भी हमारे पास एक दशक में एक बार कॉर्पोरेट पेपर में निवेश करने और इस समय इक्विटी में निवेश करने का अच्छा अवसर आया है।

आईटी में नरमी से गिरा बाजार

सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में गिरावटऔर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली से बेंचमार्क सूचकांकों में आज खासी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 390 अंक के नुकसान के साथ 62,181 पर बंद हुआ। निफ्टी 112 अंक नीचे 18,496 पर बंद हुआ। इस हफ्ते पांच कारोबारी दिन में से चार दिन सेंसेक्स गिरावट पर बंद हुआ। पूरे हफ्ते के दौरान सेंसेक्स 1.2 फीसदी नुकसान पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी इस हफ्ते तीन दिन नुकसान में रहा और 1.06 फीसदी गिरावट के साथ सप्ताह का समापन किया।

वै​श्विक बाजारों में सकारात्मक संकेतों के बावजूद देसी बाजार में आज गिरावट आई। अमेरिका में वृहद आ​र्थिक चुनौतियों के बीच क्रेडिट सुइस द्वारा आईटी शेयरों के मूल्यांकन में कमी आने की चेतावनी से आईटी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। ​विदेशी संस्थागत निवेशक इस हफ्ते शुद्ध बिकवाल बने रहे। दिसंबर में एक दिन को छोड़कर बाकी सभी कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की है। इस महीने अभी तक विदेशी निवेशकों ने 5,657 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की है।

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए.

Mutual Fund Investment: ऐसा कहा जाता है कि किसी को भी अपने दोनों पैरों से पानी की गहराई नहीं मापनी चाहिए. इसी तरह, किसी भी बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन की भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.

कभी भी बड़ी रकम को एक साथ निवेश ना करें.

एक निवेशक को इक्विटी में बड़ी रकम को एक साथ निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में गिरावट आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पहली बार के निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव की समझ नहीं होती होती है. ऐसे में वे थोड़ा नुकसान होने पर घबरा जाते हैं. इस घबराहट में नए निवेशक अक्सर अपना पैसा निकालने का फैसला करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के ज़रिए किया जाना चाहिए.

बाजार के उतार-चढ़ाव के आदी होने के लिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड के बजाय पहली बार निवेशकों के लिए बेहतर यह है कि वे संतुलित फंडों में निवेश करें. नए निवेशकों को ऐसे फंडों में निवेश करना चाहिए जहां जोखिम कम हो या हो भी तो ज्यादा नहीं. इस तरह के फंडों में बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान, प्योर इक्विटी फंड से कम उतार-चढ़ाव होता है. इससे नए निवेशकों के लिए घबराहट की स्थिति नहीं बनती है. इससे नए निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं. इसलिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड से शुरू करने के बजाय, उन फंडों में निवेश करना बेहतर है, जो तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले हैं.

निवेश करने से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग करें.

अगर कोई निवेशक सही फाइनेंशियल प्लानिंग द्वारा लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करना शुरू करता है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रहे. लंबी अवधि के गोल्स के लिए निवेश करने वाले निवेशक बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं तुरंत रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश करने वाले नए निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर तुरंत अपना पैसा निकाल लेते हैं. इसलिए, निवेश करने से पहले किस कैटेगरी के फंड में कितना निवेश करना है, यह तय करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहतर है.

(Article : Amitava Chakrabarty)

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