Demat account: जानें क्या होता है डीमैट खाता, बैंक अकाउंट से यह कैसे है अलग

डीमैट खाते के कई फायदे हैं खासकर जब बदलते दौर के साथ आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 16 Feb 2021 04:28 PM (IST)

डीमैट खाता आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं. बदलते दौर के साथ अब आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है. शेयर बाजार के लिए भी ऐसा ही है.

डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हुआ. इससे शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई.

बैंक खाते से कैसे अलग होता है डीमैट खाता

वैसे तो डीमैट अकाउंट और बैंक खाते में ज्यादा अंतर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? नहीं होता है लेकिन फिर भी असमानताएं भी हैं-

News Reels

  • डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप में कैश की जगह स्टॉक से जुड़ा है.
  • डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के सिद्धांत का इस्तेमाल करता है.
  • डीमैटरियलाइजेशन में फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल हो जाते हैं.
  • डीमैट खाता निवेशक के सभी शेयरों को एकत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है.

डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया

  • पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें.
  • इसके बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • आपका डीमैट अकाउंट अब खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स मिल जाएंगे.

यह याद रखें कि एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स , या अलग-अलग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के साथ हो डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? सकते हैं. निवेशक जब तक सभी एप्लिकेशंस के लिए जरूरी केवाईसी दे सकता है तब तक वह आवेदक कई डीमैट डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.

Published at : 16 Feb 2021 04:24 PM (IST) Tags: investor demat account bank account E commerce Stock Market Investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Demat account: जानें क्या होता है डीमैट खाता, बैंक अकाउंट से यह कैसे है अलग

डीमैट खाते के कई फायदे हैं खासकर जब बदलते दौर के साथ आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 16 Feb 2021 04:28 PM (IST)

डीमैट खाता आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं. बदलते दौर के साथ अब आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है. शेयर बाजार के लिए भी ऐसा ही है.

डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हुआ. इससे शेयरों या डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? मिल गई.

बैंक खाते से कैसे अलग होता है डीमैट खाता

वैसे तो डीमैट अकाउंट और बैंक खाते में ज्यादा अंतर नहीं होता है लेकिन फिर भी असमानताएं भी हैं-

News Reels

  • डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप में कैश की जगह स्टॉक से जुड़ा है.
  • डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के सिद्धांत का इस्तेमाल करता है.
  • डीमैटरियलाइजेशन में फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल हो जाते हैं.
  • डीमैट खाता निवेशक के सभी शेयरों को एकत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है.

डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया

  • पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें.
  • इसके बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • आपका डीमैट अकाउंट अब खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स मिल जाएंगे.

यह याद रखें कि एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स , या अलग-अलग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के साथ हो सकते हैं. निवेशक जब तक सभी एप्लिकेशंस के लिए जरूरी केवाईसी दे सकता है तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.

Published at : 16 Feb 2021 04:24 PM (IST) Tags: investor demat account bank account E commerce Stock Market Investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:

ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट

ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.

ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं

शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.

जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.

डीमैट में शेयरों के रखरखाव का काम डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.

एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम

-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.

-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है.

-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.

ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें

किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर

Difference between trading account and demat account in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) वह है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि को जमा करते हैं और उसके माध्यम से शेयर मार्केट के शेयरों की खरीद और बिक्री को कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग

डीमैट अकाउंट – शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री डीमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से होती है। ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदे गए शेयरों को डीमैट अकाउंट में ही रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं

डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट में अंतर (Difference between Trading account and Demat account in Hindi): डीमैट

  • डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच एक प्रमुख अंतर यह है कि एक डीमैट अकाउंट में विभिन्न प्रतिभूतियां जैसे शेयर प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीद कर रखा जाता है। इस अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।
  • डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों का उद्देश्य अलग है। लेकिन दोनों में काफी निकटता भी पाई जाती है। वास्तव रूप में देखा जाए तो बाजार की गतिविधियों में ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट, इन तीनों ही एकाउंट के बीच परस्पर क्रिया प्रतिक्रिया होती रहती है।
  • डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में प्रमुख अंतर यह है कि ट्रेडिंग अकाउंट में एक समय अवधि में आपको पूंजी बाजार के लेनदेन को कैप्चर कराया जाता है जबकि डीमैट अकाउंट में एक समय में शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों की खरीद बिक्री को रखा जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट एक समय में शेयरों लेनदेन के प्रवाह के बारे में बताता है। वही डिमैट अकाउंट धन प्रवाह को कैप्चर करने का काम करता है।
  • एक ट्रेडिंग अकाउंट में समय अवधि के बारे में जानकारी मिलती है। यह समय अवधि 1 महीने, 3 महीने 1 वर्ष आदि में हो सकती है। वहीं एक डीमैट अकाउंट में प्रतिभूतियों के स्वामित्व के रिकॉर्ड की जानकारी दी होती है जिसे एक निश्चित समय पर मापा जाता है। आमतौर पर इसे एक वित्तीय वर्ष (31 मार्च) में मापते हैं।
  • यदि आप किसी भी कम्पनी के शेयर को खरीद कर रखना चाहते हैं और उन्हें बेचना नहीं चाहते हैं तो इसके लिए अकेले डीमैट अकाउंट पर्याप्त है। लेकिन यदि आप अपने शेयरों को बेचना चाहते है तो इसके लिए पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसके बाद ही शेयरों की खरीद बिक्री हो पाती है।

संक्षेप में कहे तो डीमैट अकाउंट निवेशकों द्वारा खरीदे गए शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने से संबंधित है। वही ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए प्रयोग किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री आसान हो जाती है।

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:

ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट

ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.

ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं

शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.

जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.

डीमैट में शेयरों के रखरखाव का काम डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.

एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम

-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.

-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है.

-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.

ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें

किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.

रेटिंग: 4.71
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 759