यानी कि आपको FD में डबल ब्याज मिलता। लेकिन ज्यादातर लोग FD में पैसे इसलिए जमा नही करवाते है क्योंकि FD की कुछ लिमिट होती है। इसमें आप जो भी पैसे जमा करते हैं उनको आपको एक फिक्स समय तक जमा करके रखना पड़ता है। आप समय से पहले उन पैसों को नहीं निकलवा सकते है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कम ब्याज दिया जाता है।

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फ्यूचर्स और ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले जरूर जान लें

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - August 30, 2022 / 01:31 PM IST

फ्यूचर्स और ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले जरूर जान लें

निवेश से क्या स्वैप पर कमाई संभव है? मुनाफा कमाना सभी चाहते हैं. उसके लिए मार्केट में कई तरीके के विकल्प मौजूद हैं. हम आज ऐसे ही विकल्प के बारे में बात करेंगे. ये हैं फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस. फ्यूचर एंड ऑप्शन के जरिए सिर्फ शेयर में ही नहीं, बल्कि सोना, चांदी, कृषि वस्तुओं और क्रूड समेत अन्य कई डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करके पैसा कमाया जा सकता है. फ्यूचर्स और ऑप्शंस को समझने से पहले जिस बाजार में ये उत्पाद खरीदे और बेचे जाते हैं, उनके बारे में जानना जरूरी है. ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं. ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं जहां से ये ट्रेड किए जा सकते हैं. यदि आप अपनी यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) वह प्लेटफॉर्म है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपकी यात्रा शुरू करने में आपकी मदद कर सकता है.

तो क्या अब बिना बैटरी के मिलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन? ये है पॉलिसी

Published: April 24, 2022 7:59 PM IST

तो क्या अब बिना बैटरी के मिलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन? ये है पॉलिसी

लंबे समय से चर्चा में रही बैटरी स्वैपिंग नीति (Battery Swapping Policy) की चर्चा के बीच बीते गुरुवार नीति आयोग ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पेश किए गए इस ड्राफ्ट में नीति आयोग ने इंसेंटिव के साथ-साथ स्वैपेबल बैटरी के लिए टेस्टिंग प्रोटोकॉल का सुझाव दिया है. ये मसौदा नीति ऐसे समय में आई है जब आए दिन इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं आ रही हैं और इसको लेकर लोग चिंतित हैं.

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बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के तहत पहले चरण में 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क डेवलप किए जाएंगे. दूसरे चरण में दूसरे प्रमुख शहरों में यह पॉलिसी लागू की जाएगी. राज्यों की राजधानी और 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर इसमें शामिल होंगे. बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में ऐसे शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. नीति क्या स्वैप पर कमाई संभव है? आयोग ने 5 जून तक इस मसौदे पर फीडबैक भी मांगा है. तो चलिए जान लेते हैं कि ये पॉलिसी कैसे काम करेगी..

बिना बैटरी वाहनों की बिक्री

इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमत कम रखने के लिए सिफारिश की गई है कि बिना बैटरी वाहन के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी जाए. ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से इनमें बैटरी लगवा सकेंगे.

इसको आप कुछ ऐसे समझिए कि जैसे आपको बिना चार्जर या बिना ईयरफोन के फोन बेचा जा रहा है. संभव है कि इसमें कुछ ऐसा होगा कि बैटरी का एक डिजाइन फिक्स हो जाएगा और उसी डिजाइन में कंपनियां टू-व्हीलर में स्पेस देना शुरू कर देंगी और कई कंपनियां उसी डिजाइन की बैटरी बनाना शुरू कर देंगी. आप अपनी पसंद की कंपनी की बैटरी खरीद कर अपने टू-व्हीलर में लगा लें.

स्टेशन

कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी भी लोकेशन पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगा सकेंगे. ऐसे स्टेशन पर टेक्नॉलॉजी, सेफ्टी और परफॉर्मेंस के मानक लागू करने होंगे.

टैक्स

जीएसटी काउंसिल को सलाह दी गई है कि ईवी की बैटरी और पुर्जों पर टैक्स की दरों में अंतर कम करे. बैटरी पर अभी 18% जीएसटी है, जबकि ईवी पर सिर्फ 5% टैक्स वसूला जाता है. ऐसे में संभव है कि बैटरी पर भी टैक्स कम हो जाए.

Electric vehicles को बड़ा बूस्ट! सरकार नई बैटरी स्वैप स्कीम के तहत इंसेंटिव्स का जल्द कर सकती है ऐलान

बैटरी एक इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे महंगा पार्ट है और स्वैपिंग से कंपनियों को लीज या सब्सक्रिप्शन मॉडल के जरिए सेवा की पेशकश करने की अनुमति मिलेगी

Electric vehicle : भारत सरकार द्वारा दो महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए नई बैटरी अदलाबदली योजना (battery swap scheme) के तहत इंसेंटिव्स को अंतिम रूप दिए जाने का अनुमान है। रॉयटर्स ने एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्यापक स्तर पर क्लीन मोबिलिटी को प्रोत्साहन दे रही है।

इस पॉलिसी में शुरुआत में लास्ट माइल डिलिवरी और राइड शेयरिंग जैसे सेक्टरों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर्स (electric scooters), मोटरसाइकिल और थ्री-व्हीलर यानी ऑटो रिक्शा के लिए बैटरी स्वैप सर्विसेज पर जोर देगी।

ऑटो स्वीप फैसिलिटी को चालू कैसे करवाएं ?

अगर आपको अपने सेविंग बैंक अकाउंट में FD जितना ब्याज चाहिए ? और आप इसके लिए अपने अकाउंट में ऑटो स्वीप फैसिलिटी को चालू करवाना चाहते हैं ? तो इसके लिए आपको अपनी बैंक ब्रांच में जाना पड़ेगा। वहां पर आपको बताना पड़ेगा कि आप अपने अकाउंट में ऑटो स्वीप फैसिलिटी को ऑन करवाना चाहते हैं। तो इसके लिए बैंक वाले आपको एक फॉर्म देंगे, जिसमें आपको अपनी और अपने अकाउंट की डिटेल डालनी पड़ेगी। फिर वही फॉर्म आपको वापस बैंक में जमा करवाना पड़ेगा।

फॉर्म जमा करवाने के बाद बैंक कर्मचारी आपके अकाउंट के लिए ऑटो स्वीप फैसिलिटी को इनेबल कर देंगे। इसके बाद जब भी आपके बैंक अकाउंट में बैंक द्वारा फिक्स की गई मिनिमम थ्रेसोल्ड अमाउंट से ज्यादा पैसे होंगे तो उन पर आपको FD जितना ब्याज दिया जाएगा।

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